श्री हरमिलाप मिशन का 112वां वार्षिक यज्ञोत्सव 28 जून से 1 जुलाई तक

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Jun, 2019 10:24 AM

sri harmilapa mission

भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में महान है। इस संस्कृति की रक्षा के लिए युगों-युगांतरों से भगवान के विभिन्न अवतार होते रहे हैं। कई गुरुओं और महापुरुषों ने समय-समय पर भारत भूमि पर अवतार लेकर सनातन धर्म की रक्षा की।

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भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में महान है। इस संस्कृति की रक्षा के लिए युगों-युगांतरों से भगवान के विभिन्न अवतार होते रहे हैं। कई गुरुओं और महापुरुषों ने समय-समय पर भारत भूमि पर अवतार लेकर सनातन धर्म की रक्षा की। श्री हरमिलाप मिशन के महान गुरुओं सत श्री हरमिलाप साहिब जी, श्री कुंज भवन साहिब जी, श्री राजा राम साहिब जी, श्री खान चंद साहिब जी, श्री भवानी दास साहिब जी, श्री चन्द्रभान साहिब जी, श्री चमन लाल साहिब जी, श्री जगदीश लाल साहिब जी, श्री राम प्यारा साहिब जी, श्री परसराम साहिब जी व सतगुरु श्री मुनि हरमिलापी जी महाराज ने कई दशकों तक सनातन धर्म का सिंहनाद किया। इन महान गुरुओं ने दुनिया को समझाया कि श्रद्धावान को ही आत्म ज्ञान की प्राप्ति होती है। 

श्री हरमिलाप मिशन के 11वें सतगुरु देव श्री मुनि हरमिलापी जी महाराज ने भी सनातन धर्म की मान-मर्यादाओं को सुरक्षित रखने के लिए अनेक धार्मिक एवं सेवा केन्द्र स्थापित किए। उन्होंने हमेशा अपने उपदेशों में समझाया कि प्रत्येक आत्मा परमात्मा का सनातन अंश है। शरीर की मंजिल श्मशान है और आत्मा की मंजिल भगवान है। मनुष्य शरीर पाकर भजन-बंदगी अवश्य करनी चाहिए। घृणा, द्वेष, ईर्ष्या आदि को छोड़ कर प्रभु का चिंतन करना चाहिए। उनका उपदेश है कि विषय-विकारों को छोड़ कर शास्त्रों के पावन विचारों को जीवन का आधार बनाना चाहिए। 

विषयों से अगर मुंह फेरे यह बंदा तो जीवन सुधार हो जाए, बेड़ा ही पार हो जाए। सतगुरु श्री हरमिलापी जी ने हमेशा लोगों को जीवन उत्थान के लिए शास्त्र सम्मत जीवन जीने की प्रेरणा दी। वे लोग भाग्यहीन हैं जो देव दुर्लभ मनुष्य शरीर को पाकर सत्संग नहीं करते। सत्संग से ही परमगति प्राप्त होती है। सत्संग निराला अमृत है। सत्संग से निश्चय रूपी पूंजी में वृद्धि होती है। सत्संग से धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति होती है। निरंतर सत्संग करने वाले लोगों पर प्रभु की विशेष कृपा बनी रहती है। जहां भगवान के भक्तजन मिलकर संकीर्तन करते हैं वहां भगवान अवश्य विराजमान रहते हैं।  श्री हरमिलाप मिशन के 12वें सदगुरु देव श्री मदन मोहन हरमिलापी जी महाराज भी निरतंर कई दशकों से मानव धर्म का प्रचार कर रहे हैं। श्री हरमिलाप मिशन का 112वां वार्षिक यज्ञोत्सव 28 जून से 1 जुलाई तक श्री हरमिलाप भवन, हरिद्वार में मनाया जाएगा। यह यज्ञोत्सव प्रतिवर्ष श्री हरमिलाप मिशन के 9वें गुरु सतगुरु श्री राम प्यारा साहिब जी की पुण्य स्मृति में मनाया जाता है। 

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