Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Jun, 2022 09:20 AM
लोगों ने 14 जून की रात पूर्णिमा के मौके पर आसमान में खूबसूरत नजारा देखा। मंगलवार रात को चंद्रमा पृथ्वी के अपने निकटतम बिंदु पर था। ऐसे में ये ज्यादा बड़ा और चमकीला नजर आया। चंद्रमा के इस तरह नजर आने को ''स्ट्रॉबेरी मून'' भी कहा जाता है।
नेशनल डेस्क: लोगों ने 14 जून की रात पूर्णिमा के मौके पर आसमान में खूबसूरत नजारा देखा। मंगलवार रात को चंद्रमा पृथ्वी के अपने निकटतम बिंदु पर था। ऐसे में ये ज्यादा बड़ा और चमकीला नजर आया। चंद्रमा के इस तरह नजर आने को 'स्ट्रॉबेरी मून' भी कहा जाता है। भारत में यह शानदार नजारा खुली आंखों से देखा गया। मंगलवार को चंद्रमा पृथ्वी से 222,238 मील के दायरे में आ गया था। इसलिए ये किसी 'सूपरमून' जैसा नजारा था जो ज्यादा बड़ा और चमकीला था।
इस नजारे के देखने के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें भी साझा की हैं। नासा के अनुसार, एक सुपरमून साल के सबसे कमजोर चंद्रमा (जब चांद पृथ्वी से सबसे दूर होता है) की तुलना में 17% बड़ा और 30% चमकीला दिखाई देता है। सुपरमून दुर्लभ होते हैं और साल में तीन से चार बार नजर आते हैं। जहां तक स्ट्रॉबेरी मून नाम की बात है तो ऐसा नहीं है कि ऐसे मौके पर चंद्रमा स्ट्रॉबेरी की तरह दिखता है और न ही यह गुलाबी रंग का होता है।
दरअसल, उत्तर-पूर्वी अमेरिका और पूर्वी कनाडा में अल्गोंक्विन मूल अमेरिकी जनजाति द्वारा 'फूल मून' को यह नाम दिया गया है। यह क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की कटाई के मौसम को दिखाता है न कि चंद्रमा के रंग को। इस नाम (स्ट्रॉबेरी मून) का इस्तेमाल आमतौर पर अल्गोंक्विन, ओजिब्वे, डकोटा और लकोटा लोगों द्वारा किया जाता है।