एनआरसी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, 31 जुलाई से आगे नहीं बढ़ेगी तारीख

Edited By Yaspal,Updated: 24 Jan, 2019 08:28 PM

supreme court on nrc strict will not go beyond july 31

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम रिपोर्ट तैयार करने की अवधि 31 जुलाई, 2019 से आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। न्यायालय ने राज्य सरकार, राष्ट्रीय नागरिक पंजी समन्वयक...

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम रिपोर्ट तैयार करने की अवधि 31 जुलाई, 2019 से आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। न्यायालय ने राज्य सरकार, राष्ट्रीय नागरिक पंजी समन्वयक और निर्वाचन आयोग को यह सुनिश्चित करने के लिये कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव की वजह से यह प्रक्रिया धीमी नहीं हो। शीर्ष अदालत ने कहा कि आगामी आम चुनाव और राष्ट्रीय नागरिक पंजी की कवायद प्रभावित नहीं होनी चाहिए और इसके लिये सक्षम प्राधिकारियों को एक साथ बैठकर कार्यक्रम तैयार करना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की पीठ ने राज्य में राष्ट्रीय नागिरक पंजी के समन्वयक प्रतीक हजेला, निर्वाचन आयोग के सचिव और असम के मुख्य सचिव से कहा कि वे एक सप्ताह के भीतर बैठक कर यह सुनिश्चित करें कि नागरिक पंजी को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया और आम चुनाव साथ साथ हो सकें तथा किसी भी प्रक्रिया में सरकारी कर्मचारियों की कमी नहीं हो। राज्य सरकार की ओर से पेश सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि इस बैठक का आयोजन किया जायेगा और न्यायालय को इसमें हुयी चर्चा से अवगत कराया जायेगा। इस मामले में अब पांच फरवरी को सुनवाई होगी।

कब सामने आया था एनआरसी मसौदा
असम के लिये राष्ट्रीय नागरिक पंजी का मसौदा 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित हुआ था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों को शामिल किया गया था। इस मसौदा सूची में 40,70,707 लोगों के नाम शामिल नहीं थे। इनमें से 37,59,630 नामों को अस्वीकार कर दिया गया था जबकि शीर्ष 2,48,077 को अलग सूची में रखा गया था। हजेला ने कहा कि मसौदा सूची से बाहर रह गये करीब 40 लाख व्यक्तियों में से 36.2 लाख व्यक्तियों ने अंतिम पंजी में नाम शामिल करने के लिये प्राधिकारियों के समक्ष दावे पेश किये हैं। उन्होंने कहा कि नागरिक पंजी के मसौदे में शामिल करीब दो लाख व्यक्तियों के खिलाफ भी आपत्तियां मिली हैं।

जानिए और क्या कहा पीठ ने
लोकसभा के आगामी चुनावों का जिक्र करते हुये हजेला ने कहा कि 31 जुलाई तक नागरिक पंजी को अंतिम रूप देने में दिक्कतें आ सकती हैं क्योंकि निर्वाचन आयोग को भी चुनाव ड्यूटी के लिये सरकारी कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। पीठ ने कहा, ‘‘असम के लिये राष्ट्रीय नागरिक पंजी का अंतिम प्रकाशन किसी भी स्थिति में 31 जुलाई से आगे नहीं बढ़ेगा। चुनावों में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। राष्ट्रीय नागरिक पंजी की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। आपको रास्ता निकालना होगा।’’

पीठ ने कहा, ‘‘हम इसे 31 जुलाई से आगे नहीं बढ़ाना चाहते।’’ पीठ ने कहा कि दूसरे की कीमत पर पहले को प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता। पीठ ने हजेला से कहा कि नागरिक पंजी में नाम शामिल करने या निकालने के बारे में लोगों के दावों और आपत्तियों पर उचित और न्याय संगत कदम उठाये जायें।

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