Edited By Yaspal,Updated: 17 Jan, 2019 06:56 PM
सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल को लेकर अहम निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने सर्च कमेटी को निर्देश दिया है कि वह लोकपाल और सदस्यों की सूची तय करे। अदालत ने कहा कि लोकपाल और सदस्यों के नामों को अंतिम रूप दिया जाए। इसके लिए अदालत ने फरवरी...
नेशनल डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल को लेकर अहम निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने सर्च कमेटी को निर्देश दिया है कि वह लोकपाल और सदस्यों की सूची तय करे। अदालत ने कहा कि लोकपाल और सदस्यों के नामों को अंतिम रूप दिया जाए। इसके लिए अदालत ने फरवरी तक की मियाद दी है। सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल की नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका पर 7 मार्च को सुनवाई का फैसला किया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 4 जनवरी को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह सितंबर 2018 से अभी तक लोकपाल खोज समिति के संबंध में उठाए गए कदमों पर एक हलफमाना सौंपे। मुख्यन्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस. के. कौल की पीठ ने कहा था कि "हलफनामे में आपको लोकपाल खोज समिति गठित करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी सुनिश्चित करनी होगी।" जब अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सितंबर, 2018 से अभी तक कई कदम उठाए गए हैं। तब पीठ ने उनसे पूछा, "आपने अभी तक क्या किया है। बहुत वक्त लिया जा रहा है।"
अब वेणुगोपाल ने दोहराया कि कई कदम उठाए गए हैं। तब पीठ ने नाराज होते हुए कहा, "सितंबर 2018 से उठाए गए सभी कदमों को रिकॉर्ड पर लाएं। एनजीओ कॉमन कॉज की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार ने खोज समिति के सदस्यों के नाम तक अपनी वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए हैं।
क्या है लोकपाल
लोकपाल के पास सेना को छोड़कर प्रधानमंत्री से लेकर नीचे चपरासी तक किसी भी जनसेवक (किसी भी स्तर का सरकारी अधिकारी, मंत्री, पंचायत सदस्य आदि) के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की सुनवाई का अधिकार होगा। साथ ही वह इन सभी को संपत्ति कुर्क भी कर सकता है। विशेष परिस्थितियों में लोकपाल को किसी आदमी के खिलाफ अदालती ट्रायल चलाने और 2 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का भी अधिकार होगा।