Edited By Tanuja,Updated: 09 Mar, 2024 02:57 PM
अफगानिस्तान और भारत के नए फैसले से पाकिस्तान को नया झटका लग सकता है। भारत के प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के...
काबुल: अफगानिस्तान और भारत के नए फैसले से पाकिस्तान को नया झटका लग सकता है। भारत के प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात के दौरान दोनो देशों के लोगों को मानवीय सहायता देने पर चर्चा की । इस दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने तालिबानी शासन के विदेश मंत्री अमीर खान मोत्ताकी से बातचीत की और अफगान व्यापारियों की ओर से चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल पर भी चर्चा की। सूत्रों के अनुसार भारत अफगानिस्तान में महावाणिज्यिक दूतावास खोल सकता है।
भारत द्वारा अफगानिस्तान के जरिए व्यापार शुरू करने की इच्छा को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान के व्यापारियों से भी मुलाकात की। भारत ने कहा, 'अफगानिस्तान के लोगों के साथ ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं और ये पुराने संबंध हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करते रहेंगे।' तालिबानी विदेश मंत्रालय के डिप्टी प्रवक्ता जिया अहमद टकाल ने कहा भारतीय अधिकारियों और अफगान व्यापारियों के बीच आर्थिक और वीजा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।
तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधि ने अफगान व्यापारियों को वीजा जारी करने के लिए जरूरी फैसिलिटी स्थापित करने का आश्वासन दिया है। तालिबान के सत्ता में वापस लौटने के बाद भारत ने अफगान नागरिकों को वीजा जारी करना बंद कर दिया था लेकिन तब से काबुल के साथ उसने आश्चर्यजनक तरीके से सकारात्मक संबंध स्थापित किए। इससे पहले तालिबान और भारत के बीच संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि भारत इसे पाकिस्तान का प्रतिनिधि मानता था।