राज्यसभा में लटके हैं ये जरूरी बिल, 9 जनवरी तक बढ़ाया सदन का सत्र

Edited By Yaspal,Updated: 08 Jan, 2019 12:39 AM

these essential bills are pending in the rajya sabha

राज्यसभा की बैठकें अब 9 जनवरी तक चलेगी। कई विधेयकों के लंबित रहने और अन्य महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को ध्यान में रखते हुए राज्यसभा की बैठक 9 जनवरी तक...

नेशनल डेस्कः राज्यसभा की बैठकें अब 9 जनवरी तक चलेगी। कई विधेयकों के लंबित रहने और अन्य महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को ध्यान में रखते हुए राज्यसभा की बैठक 9 जनवरी तक बढ़ा दी गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार अनुरक्षण) विधेयक-2018 को उच्च सदन में पेश करना चाहती है। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है। प्रस्तावित कानून को लेकर विपक्ष के विरोध के कारण इसे राज्यसभा में नहीं लाया जा सका है। विपक्ष ने विधेयक संसदीय समिति के पास भेजने पर जोर डाला है।

कई विधेयक अधर में लटके
सरकार ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकार संरक्षण) विधेयक-2018, राष्ट्रीय होमियोपैथी आयोग विधेयक- 2019, कंपनी (संशोधन) विधेयक-2018 और भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक-2018 समेत अन्य विधेयकों को भी पारित करवाना चाहती है।

कांग्रेस जेपीसी की मांग को लेकर कर रही विरोध प्रदर्शन
राफेल विमान सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग को लेकर कांग्रेस राज्यसभा में लगातार विरोध प्रदर्शन करती रही है। वहीं, तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन करती है। इसके अलावा, राज्यसभा में मेकेदातू में कावेरी नदी पर बांध बनाने के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग को लेकर राज्यसभा में विगत दिनों अन्नाद्रमुक का हंगामा देखा गया।

उधर लोकसभा में सरकार ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को सूचीबद्ध करवाया है, जिसका उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए छह अल्पसंख्यक समूहों के अवैध आव्रजकों को नागरिकता प्रदान करना है। इस प्रस्ताव को लेकर असम में बड़ा बबाल मचा है।

नागरिकता संशोधन विधेयक भी लटका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा इस पर लोकसभा में रिपोर्ट पेश किए जाने के तुरंत बाद विधेयक को मंजूरी प्रदान की। जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट में 31 दिसंबर 2014 तक असम में प्रवेश कर चुके अल्पसंख्यक आव्रजकों को वैध ठहराने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है, लेकिन सरकार से कहा है कि चूंकि मामल

न्यायाधीन है, इसलिए वह सतर्कता से कदम उठाए। रिपोर्ट में सभी कानूनी कदम उठाने को कहा गया है, ताकि बाद में यह परेशानी का सबब न बने। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा की बैठक भी नौ जनवरी तक बढ़ सकती है, क्योंकि सरकार कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को पास करवाना चाहती है। संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर को आरंभ हुआ था और निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शीतकालीन सत्र का आज अंतिम दिन है। 

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