Edited By Pardeep,Updated: 19 Apr, 2018 10:00 PM
कठुआ और उन्नाव बलात्कार मामलों को लेकर पैदा हुए राष्ट्रव्यापी आक्रोश के बीच बंबई उच्च न्यायालय ने आज कहा कि विदेशों में भारत की छवि प्रभावित हो रही है तथा ऐसी धारणा बन रही है कि यह अपराधों और दुष्कर्मों का देश है जहां उदार और धर्मनिरपेक्ष लोग...
मुंबई: कठुआ और उन्नाव बलात्कार मामलों को लेकर पैदा हुए राष्ट्रव्यापी आक्रोश के बीच बंबई उच्च न्यायालय ने आज कहा कि विदेशों में भारत की छवि प्रभावित हो रही है तथा ऐसी धारणा बन रही है कि यह अपराधों और दुष्कर्मों का देश है जहां उदार और धर्मनिरपेक्ष लोग सुरक्षित नहीं हैं।
न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति के कारण शेष दुनिया शैक्षणिक या सांस्कृतिक मुद्दों पर भारत के साथ जुडऩे में हिचक रही है। पीठ ने तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और वाम नेता गोविंद पंसारे के परिजनों की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। परिजनों ने दोनों की हत्या के मामलों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की है। पीठ ने कहा,‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज , देश की छवि ऐसी बन गई है कि विदेश में रहने वाले लोग यही सोचते हैं कि भारत में सिर्फ अपराध और बलात्कार ही होते हैं। ’’
पीठ ने कहा,‘‘ हम जहां कहीं जाते हैं (भारत के बाहर ), हमें कई प्रश्नों का जवाब देना होता है। लोगों की धारणा है कि उदार, खुले दिमाग वाले और धर्मनिरपेक्ष लोग भारत में सुरक्षित नहीं हो सकते और उन पर हमले होंगे। भारत की छवि कुछ लोगों के कृत्यों के कारण प्रभावित हो रही है।’’ महाराष्ट्र सीआईडी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अशोक मुंडरागी ने अदालत से कहा कि आगे किसी फील्ड जांच से कुछ ठोस चीज हासिल होने की संभावना कम ही है।