Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 05:44 PM
बीजेपी की शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा देशहित के नाम पर अजीबो गरीब फरमान जारी करने की आदत पड़ चुकी है। नया उदाहरण राजस्थान में देखने को मिला। जहां वसुंधरा राजे की सरकार ने कॉलेज जानेवाली लड़कियों को कालेज जाने के लिए विशेष कपड़े पहनने का...
नेशनल डेस्क: बीजेपी की शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा देशहित के नाम पर अजीबो गरीब फरमान जारी करने की आदत पड़ चुकी है। नया उदाहरण राजस्थान में देखने को मिला। जहां वसुंधरा राजे की सरकार ने कॉलेज जानेवाली लड़कियों को कालेज जाने के लिए विशेष कपड़े पहनने का आदेश जारी कर दिया गया। जिसके बाद छात्राओं ने इस सरकारी फरमान को सिरे से खारीज करते हुए विरोध भी शुरु कर दिया। विरोध बढ़ता देख सरकार ने आनन फानन में यूनिफॉर्म अनिवार्य करने का फैसला वापस ले लिया है। इस फैसले में कॉलेज जाने वाली लड़कियों को यूनिफॉर्म पहनने का आदेश दिया था। इसमें भी लड़कियों को 'भारतीय परिधान' पहनने के निर्देश दिए थे।
अब कहा गया है कि यह आदेश जरूरी नहीं बल्कि स्वैच्छिक है। कॉलेज जानेवाली लड़कियां चाहें तो यूनीफॉर्म पहनें चाहे न पहनें। वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर कहा कि लड़कियों के लिए यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य नहीं है, वो जिसमें अपनी पढ़ाई में बेहतर कर सकती हैं, हम उन्हें वो उपलब्ध करवाएंगे। वसुंधरा ने ट्वीट में #Girlsfirst भी जोड़ा। सरकार ने इससे पहले कॉलेज में लड़कों के लिए यूनिफॉर्म में पैंट शर्ट और सर्दियों में जर्सी और लड़कियों के लिए साड़ी, सलवार कुर्ता और सर्दियों में कार्डीगन को ड्रेस के तौर पर लागू करने की बात कही थी। इसका छात्रों ने काफी विरोध किया था। कई संगठनों ने इसे महिलाओं की आजादी पर हमला भी बताया था।