विक्रम और बेटे राहुल कोठारी को सीबीआई ने किया गिरफ्तार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 11:23 PM

vikram and son rahul kothari arrested by cbi

सीबीआई ने रोटोमैक कंपनी के मालिक और उसके बेटे राहुल कोठारी को गिरफ्तार कर लिया है। विक्रम कोठारी पर ३७०० करोड़ के घोटाले का आरोप लगा है। जिसके चलते सीबीआई कोठारी पर लगातार कार्रवाई कर रही है। रविवार को सीबीआई ने विक्रम कोठारी के भाई दीपक कोठारी को...

नई दिल्ली: सीबीआई ने रोटोमैक कंपनी के मालिक और उसके बेटे राहुल कोठारी को गिरफ्तार कर लिया है। विक्रम कोठारी पर 3700 करोड़ के घोटाले का आरोप लगा है। जिसके चलते सीबीआई कोठारी पर लगातार कार्रवाई कर रही है। रविवार को सीबीआई ने विक्रम कोठारी के भाई दीपक कोठारी को कानपुर ले जाकर पूछताछ की थी। वहीं राहुल कोठारी और विक्रम कोठारी पर सीबीआई की जांच में सहयोग न करने का आरोप लगा है। सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने आरोपियों को सबूत दिखाए थे। सबूत होने के बाद भी दोनों उन पर लगे आरोपों से इंकार करते रहे। बता दें कि सीबीआई दोनों को रिमांड के लिए शुक्रवार को कोर्ट में पेशी के लिए ले जाएगी।

आपको बता दें कि वर्ष 2008 में कोठारी ने 200 करोड़ रुपये का लोन लिया था। साल 2010 में एक बार राहुल ने 520 करोड़ का लोन पास कराया था। लोन लेने का सिलसिला यहीं नहीं थमा, कोठारी आगे भी लोन लेते रहे और 2011 में 585 करोड़, 2012 में 585 करोड़ और 2013 में भी 585 करोड़ का लोन बैंक ने राहुल कोठारी को दिया था। रोटोमैक कंपनी का बैंकों से लोन पास कराने के तरीके भी बहुत अजीब थे। कंपनी ने कभी गेंहूं खरीदने के नाम पर तो कभी एक्सपोर्ट ऑर्डर के बहाने लोन लिया था। लेकिन पैसा का इस्तेमाल किसी और काम में किया जाता था।

विक्रम की पत्नी से भी पूछताछ
सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार गेंहूं के लिए लिया गये लोन के पैसों को रायपुर के एक खाते में भेजा गया और वहां से वो पैसा सिंगापुर ट्रांसफर किया गया। विक्रम कोठारी ने बैंकों से लिए पैसे से अपने लिए हीरे खरीदे और लेन-देन के नाम पर अपनी ही दूसरी कंपनियों में क्रञ्जत्रस् के जरिए पैसा भेजा। इस मामले में सीबीआई ने विक्रम कोठारी की पत्नी और बेटे राहुल से भी पूछताछ की। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से सबके पासपोर्ट भी ले लिए हैं।

मनसुख के देहांत के बाद हुआ बंटवारा
दरअसल विक्रम के पिता मनसुख कोठारी ने 1973 में एक कंपनी की शुरूआत की थी। कंपनी का नाम था पराग, एक वक्त था जब पान पराग नाम का पान मसाला लोगों की जुंबा पर रहता था। कुछ सालों तक पान पराग कंपनी विज्ञापन देने के नाम पर सबसे बड़ी कंपनी थी। वहीं मनसुख के देहांत के बाद उनके दो बेटों विक्रम कोठारी और दीपक कोठारी के बीच कंपनी का बंटवारा हो गया। विक्रम ने पेेन बनाने वाली कंपनी रोटोमैक की शुरूआत की। वर्ष 1995 में रोटोमैक दुनिया की सबसे बड़ी ब्रांड बन गई थी। कंपनी का टर्नओवर करोड़ों में था। यही कारण था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने उन्हें बेस्ट एक्सपोर्टर ऑफ द ईयर के सम्मान से नवाथा था। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!