लापरवाही! गंभीर जल संकट के बावजूद पाकिस्तान की ओर बह रहा भारत का पानी

Edited By vasudha,Updated: 23 Jun, 2019 01:01 PM

water of india flowing towards pakistan despite water crisis

देश में पानी को लेकर हाहाकार मचा है और दूसरी तरफ हालत यह है कि राजस्थान और पंजाब में खेतों की सिंचाई करने में काम आ सकने वाला हजारों क्यूसेक पानी सिर्फ इसलिए पाकिस्तान की तरफ बह रहा है...

नेशनल डेस्क: देश में पानी को लेकर हाहाकार मचा है और दूसरी तरफ हालत यह है कि राजस्थान और पंजाब में खेतों की सिंचाई करने में काम आ सकने वाला हजारों क्यूसेक पानी सिर्फ इसलिए पाकिस्तान की तरफ बह रहा है। क्योंकि हमारी नहरें कमजोर होने के कारण अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप पानी लेकर उसे खेतों तक नहीं पहुंचा पा रही हैं। ऐसा कमोबेश हर साल होता चला आ रहा है। राजस्थान सरकार ने इस बारे में स्थिति रिपोर्ट मांगी है और पंजाब सरकार से नहरों की मरम्मत करवाने की मांग की है।

नहरों की स्थिति है खराब
किसान नेताओं के अनुसार, एक महीने से हर दिन औसतन पांच से छह हजार क्यूसेक पानी पाकिस्तान जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि हमारे यहां से बिना वजह पाकिस्तान को जाने वाले पानी को भले ही पूरी तरह से नहीं रोका जा सकता लेकिन नहरों की स्थिति सुधारकर इसकी कम से कम आधे से अधिक मात्रा का देश में उपयोग किया जा सकता है। पाकिस्तान जाने वाला पानी दरअसल पंजाब में ब्यास और सतलज नदी पर बने हरिके बैराज की अधिशेष मात्रा से छोड़ा जाता है। यह पानी हुसैनी वाला हैड से होता हुआ पाकिस्तान चला जाता है। अधिकारियों का कहना है पंजाब में धान की रोपाई शुरू होने के बाद हालात सामान्य हैं। जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता (हनुमानगढ़) विनोद मित्तल ने कहा ​​कि सरकार ने हमसे स्थिति रिपोर्ट मांगी थी जो हमने भेज दी। उस समय पंजाब अपने हिस्सा का पानी नहीं ले रहा था। लेकिन अब हालात सामान्य है।

PunjabKesari
पानी छोड़ना भारत की मजबूरी
पंजाब में धान की रोपाई इसी दूसरे पखवाड़े में शुरू हुई है। गंगानगर के विधायक राजकुमार गौड़ ने कहा कि पानी पाकिस्तान जा रहा है यह बात तो वहां पंजाब के सिंचाई अधिकारी भी कह रहे हैं और इस बारे में रपटें भी यहां प्रकाशित हुई हैं। हमारी नहरें क्षमता अनुसार पानी ले नहीं रही हैं। अगर बांध से पानी की निकासी नहीं होगी तो कई इलाकों में बाढ़ या ऐसी परेशानी हो सकती है। इसलिए पानी छोड़ना मजबूरी है। किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल के अनुसार पानी लगातार उधर छोड़ा जा रहा है। इसी शुक्रवार को 2065 क्यूसेक पानी हरिकेपत्तन से पाकिस्तान छोड़ा गया। आप मान कर चलिए कि 20 मई के बाद से लगभग एक महीने में हर दिन औसतन 5000 से 6000 क्यूसेक पानी यूं ही बर्बाद होता है जो पाकिस्तान चला जाता है।

PunjabKesari
राजस्थान और पंजाब के हिस्से का पानी जा रहा पाक
गंगानगर किसान समिति के संयोजक रणजीत सिंह राजू ने कहा कि पानी इसलिए यूं ही छोड़ना पड़ रहा है क्योंकि हमारी नहरें, चाहे वह गंगनहर हो, या राजकैनाल (इंदिरा गांधी नहर) हो, इस हालत में है ही नहीं कि पूरा पानी ले सके। गंगनहर को पानी देने वाले फिरोजपुर फीडर की क्षमता 6000 क्यूसेक की है उसमें पानी चलता है मुश्किल से 4500 क्यूसेक। इसी तरह राजकैनाल की क्षमता 3200 क्यूसेक की है लेकिन 1800 क्यूसके पानी छोड़ते ही वह हांफने लगती है। समाधान पूछे जाने पर विधायक गौड़ कहते हैं कि नहरों, विशेष रूप से फिरोजपुर फीडर की मरम्मत हो तथा पुरानी बीकानेर कैनाल के जरिए भी पानी छोड़ा जाए।

किसानों को नहीं मिल रहा पानी 
रणजीत सिंह राजू ने कहा कि सबसे बड़ा समाधान यही है कि फिरोजपुर फीडर का पुननिर्माण हो। इसके अलावा पुरानी बीकानेर कैनाल की साफ सफाई करवाकर 1000 क्यूसेक तक अतिरिक्त पानी गंगनहर को दिया जा सकता है, इस पर 25-30 लाख रुपये का ही खर्च आएगा। हालांकि राजू भी मानते हैं कि पर्याप्त बारिश होने पर पाकिस्तान को जाने वाले पानी को पूरी तरह नहीं रोका जा सकता लेकिन अपनी नहरों की स्थिति सुधाकर इसमें आधे तक कमी लाई जा सकती है और इसका सीधा फायदा पंजाब के साथ साथ हनुमानगढ़ गंगानगर जिलों को होगा जिन्हें राजस्थान का धान का कटोरा कहा जाता है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गंगनहर और भाखड़ा नहर को पानी देने वाली फिरोजपुर फीडर की मरम्मत के लिए हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखा है। उन्होंने इस फीडर की रिलाइनिंग का काम जल्द से जल्द करवाने की मांग की है ताकि राजस्थान में गंगनहर और भाखड़ा नहरों के किसानों को पूरा पानी मिल सके। 
PunjabKesari
लोकसभा चुनावों में भी उठा था पानी का मुद्दा
फिरोजपुर फीडर को पंजाब और राजस्थान के किसानों की ‘लाईफ लाइन' माना जाता है। इसकी क्षमता 11,192 क्यूसेक की है, लेकिन नहर में 7500 क्यूसेक से ज्यादा पानी नहीं छोड़ा जाता क्योंकि उस स्थिति में यह कहीं से भी टूट सकती है। कमोबेश यही हालत इंदिरा गांधी नहर की है। इसकी मूल क्षमता 18500 क्यूसेक थी लेकिन इसमें अब पानी मुश्किल से 11000 क्यूसेक ही चल पाता है। हालांकि इस नहर की रिलाइनिंग यानी पुननिर्माण का काम चल रहा है। इसी तरह गंगनहर की क्षमता 3000 क्यूसेक की है लेकिन यह 2400 -2500 क्यूसेक से ज्यादा पानी नहीं ले पाती। सहगल कहते हैं कि पानी इसलिए ही पाकिस्तान जा रहा है। अगर हमारे सिस्टम की तीनों नहरें ठीक हों तो हमारा पानी यहीं काम आ जाए। उधर छोड़ने की जरूरत नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि हमारे पास पानी है, पैसा भी है। केवल नहर सही नहीं होने के कारण किसान परेशान हैं। हमारी सिंचित घोषित 60 प्रतिशत जमीन खाली पड़ी है और पानी पाकिस्तान बह जाता है। उल्लेखनीय है हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में इलाके से पाकिस्तान को पानी जाने को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाया था। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!