Edited By Monika Jamwal,Updated: 07 Aug, 2018 12:08 PM
अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवायज उमर फारुक और यासीन मलिक के संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जे.आर.एल.) ने सोमवार को कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 35ए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई को उच्चतम न्यायालय ने अमरनाथ यात्रा के कारण अगस्त...
श्रीनगर : अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवायज उमर फारुक और यासीन मलिक के संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जे.आर.एल.) ने सोमवार को कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 35ए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई को उच्चतम न्यायालय ने अमरनाथ यात्रा के कारण अगस्त के अंतिम सप्ताह तक टाल दिया है। साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के स्थाई निवास कानून के प्रावधानों के साथ छेड़छाड़ होने की स्थिति में प्रदर्शन जारी रखने की शपथ ली।
प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रही जे.आर.एल ने एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर में उत्तराधिकार संबंधी कानून पर सुनवाई आज से अगस्त के अंतिम सप्ताह तक टाल दी गयी है, जब अमरनाथजी यात्रा समाप्त होगी। इस कानून के साथ छेड़छाड़ के विरोध में प्रदर्शनों का आयोजन 27 अगस्त को अगली सुनवाई तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि न्यायालय द्वारा मामले की सुनवाई कुछ सप्ताह के लिए टाल देना उसकी मंशा को स्पष्ट करता है। यही नहीं शीर्ष अदालत ने आरएसएसए की याचिकाओं को भी स्वीकार किया है, जो जम्मू-कश्मीर के संबंध में आर.एस.एस. के विचारों से प्रभावित है। अनुच्छेद 35ए की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के खिलाफ अलगाववादियों ने घाटी में रविवार से दो दिन के बंद का आह्वान किया था।