Edited By vasudha,Updated: 09 Mar, 2021 04:20 PM
पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद इन दिनों चुनाव अभियान जोरों पर है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज बंगाल में सत्ता की चाभी कहे जाने वाले नंदीग्राम के मैदान में उतरी। इस दौरान उन्होंने कहा कि...
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद इन दिनों चुनाव अभियान जोरों पर है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज बंगाल में सत्ता की चाभी कहे जाने वाले नंदीग्राम के मैदान में उतरी। इस दौरान उन्होंने कहा कि नंदीग्राम ने मुझे बुलाया इसलिए मैं यहां आई हूं। दरअसल वह खुद इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं।
लोगों की मांग के चलते नंदीग्राम लड़ूंगी चुनाव: ममता
नंदीग्राम के मंच पर पाठ पढने के बाद ममता ने कहा कि आप नहीं चाहोगे तो मैं यहां से नहीं लडूंगी। मैंने लोगों की मांग के चलते नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्हाेंने कहा कि मुझ पर कई अत्याचार हुए, इसके बावजूद मैं रास्ते से हटे नहीं। मैं गांव की बेटी हूं, यहां की बेटी कैसे बाहरी हो सकती है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों से 'खेला होबे' का नारा भी लगवाया।
नंदीग्राम सीट पर बनर्जी कल करेंगी नामांकन
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख कल इस सीट पर नामांकन दाखिल करेंगी। इस सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद बनर्जी की यह पहली नंदीग्राम यात्रा है। किसान बहुल नंदीग्राम में वामपंथी सरकार की ओर से वर्ष 2007 में विशेष आर्थिक क्षेत्र के तहत जमीन अधिग्रहण का विरोध किया गया था। इसके बाद अगले चार वर्षों में किसानों की हालत में और गिरावट दर्ज की गई।
भाजपा और टीएमसी के बीच कांटे की टक्कर
पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम और हुगली जिले के सिंगूर को अक्सर राजनेता तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य सरकार के लिए करारी हार के तौर पर जिक्र करते हैं और अब ममता सरकार ने इसमें एक नया आयाम जोड़ा है और सुश्री बनर्जी के दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर से अपनी उम्मीदवारी को बदलने के फैसले के बाद से भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ आने के संकेत हैं। उनके पुराने मंत्रिमंडल के सहयोगी और अब कट्टर आलोचक सुभेंदु अधिकारी ने उनके खिलाफ भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सुश्री बनर्जी ने वर्ष 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में 80 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीता था।