Breaking




कब हुई थी आखिरी बार जातिगत जनगणना और अब क्यों हो रही है दोबारा? जानिए ...

Edited By Harman Kaur,Updated: 01 May, 2025 12:45 PM

when was the first caste census conducted and why is it being conducted again

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया है। इस बात की पुष्टि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार, 30 अप्रैल को कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस वार्ता के दौरान की।

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया है। इस बात की पुष्टि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार, 30 अप्रैल को कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस वार्ता के दौरान की। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आगामी जनगणना में जाति संबंधी जानकारी भी जुटाई जाएगी और जनगणना के फॉर्म में जाति के लिए अलग कॉलम शामिल किया जाएगा। इस मुद्दे को लेकर लंबे समय से विपक्ष सरकार पर दबाव बना रहा था।

क्या है जातिगत जनगणना और क्यों है इसकी जरूरत?
सरकार का मानना है कि समाज की वास्तविक सामाजिक संरचना को समझने, वंचित तबकों की पहचान करने और सटीक नीतियां बनाने के लिए यह कदम बेहद अहम है। नीति निर्धारण से जुड़े विशेषज्ञों और समाजशास्त्रियों के अनुसार, जातिगत आंकड़े सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक न्याय से जुड़ी योजनाएं बेहतर तरीके से लागू करने में मदद करेंगे।

1931 के बाद पहली बार होगी पूर्ण जाति गणना
भारत में आखिरी बार 1931 में सभी जातियों की व्यापक गणना हुई थी। हालांकि बाद में अनुसूचित जातियों, जनजातियों, धर्म और भाषाओं पर आंकड़े जुटाए गए, लेकिन सभी जातियों की प्रोफाइलिंग नहीं हुई। आजादी के बाद अब तक की जनगणनाओं में जाति आधारित डेटा शामिल नहीं किया गया।

मनमोहन सिंह सरकार में भी हुआ था प्रयास
2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में जातिगत जनगणना पर विचार का आश्वासन दिया था। इसके बाद एक कैबिनेट समूह भी बना, लेकिन इसके स्थान पर केवल सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) कराई गई, जिसमें जातीय आंकड़ों का विश्लेषण सीमित था।

संविधान में क्या है जनगणना का प्रावधान?
जनगणना, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 246 के तहत केंद्र सरकार का विषय है और इसकी सूची में क्रम संख्या 69 पर इसका उल्लेख है। यानी इसे केवल केंद्र सरकार ही अधिकृत रूप से करा सकती है।

राज्यों ने उठाई थी मांग
हाल के वर्षों में बिहार, ओडिशा और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों ने केंद्र से जातिगत जनगणना की मांग की थी। इन राज्यों ने अपने-अपने स्तर पर जाति सर्वे भी शुरू किए, लेकिन राष्ट्रीय स्तर की अधिकृत जाति जनगणना की जरूरत महसूस की जाती रही।

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Related Story

IPL
Gujarat Titans

Mumbai Indians

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!