Edited By Harman Kaur,Updated: 27 May, 2025 12:24 PM
जयपुर में सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे चार श्रमिकों की संदिग्ध जहरीली गैस के प्रभाव से मौत हो गई। पुलिस ने आज मंगलवार को यह जानकारी दी। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा।
नेशनल डेस्क: जयपुर में सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे चार श्रमिकों की संदिग्ध जहरीली गैस के प्रभाव से मौत हो गई। पुलिस ने आज मंगलवार को यह जानकारी दी। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा।
जानिए क्या है पूरा मामला?
यह घटना सांगानेर सदर थाना इलाके में सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया के ज्वैलरी जोन में सोमवार रात हुई। ये सफाई कर्मी आभूषण बनाने वाली एक कंपनी के सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे थे। सांगानेर सदर के पुलिस निरीक्षक अनिल जैमिनी ने बताया कि सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे आठ सफाईकर्मी संदिग्ध जहरीली गैस के प्रभाव में आकर अचेत हो गए। इन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने चार को मृत घोषित कर दिया। वहीं चार अन्य मजदूरों की हालत ठीक है।
यूपी के रहने वाले थे सभी
उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में अभी मामला दर्ज नहीं किया गया है। पीड़ित परिवार की ओर से परिवाद दिए जाने के बाद आज प्रकरण दर्ज किया जाएगा। मृतकों के नाम संजीव पाल, हिमांशु सिंह, रोहित पाल तथा अर्पित हैं। ये सभी उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे।
अधिकारियों ने बताया कि आभूषण निर्माण कार्य के दौरान रसायन युक्त पानी जो सेप्टिक टैंक में जाता है उसमें ठोस कचरे के साथ सोने-चांदी के कण मिले होते हैं। उन्होंने बताया कि यह पानी गाद के रूप में टैंक में जमा होता है, जिसे निकाला जाता है और उसमें से सोने-चांदी के कणों को अलग किया जाता है। अधिकारियों के अनुसार, इसी प्रक्रिया के दौरान यह हादसा हुआ।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, ‘‘ पिछले 10 दिन में ही डीग, बीकानेर और अब जयपुर में सेप्टिक टैंक एवं गटर की सफाई करते हुए 11 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार का सफाई कर्मचारियों की ओर ध्यान नहीं है।'' उन्होंने कहा कि बजट में राज्य सरकार मशीनें खरीदने की घोषणा कर चुकी है पर अभी तक वह घोषणा कागजों में है। उन्होंने पूछा ‘‘आखिर सरकार की नींद कब टूटेगी?'