Edited By Mahima,Updated: 19 Apr, 2024 12:03 PM
हिमाचल की स्पीति घाटी में देश के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र के अधीन आने वाले दो ताशीगांग और गेटे गांवों के वोटरों ने इस बार लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
नेशनल डेस्क: हिमाचल की स्पीति घाटी में देश के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र के अधीन आने वाले दो ताशीगांग और गेटे गांवों के वोटरों ने इस बार लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। दरअसल इन गांवों के लोग लोकनिर्मार्ण विभाग में अनुबंध पर दिहाड़ीदार कर्मी थे, जिन्हें विभाग ने अनुबंध खत्म हाने के बाद नौकरी से हटा दिया है और अब दोनों गांवों के लोग चुनाव में मतदान को शून्य करने पर तुले हुए हैं। आपको यहां बता दें कि यह संभव है क्योंकि इन दोनों गांव की आबादी मात्र 75 है और इनमें 52 वोटर ही पंजीकृत हैं, जिनमें 22 महिलाएं शामिल हैं। राज्य में 1 जून को एक चरण में लोकसभा चुनाव होंगे।
2019 में 100 फीसदी हुआ मतदान
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन सीमा से सटे हिमाचल की स्पीति घाटी में 5,256 फीट की ऊंचाई पर स्थित मतदान केंद्र ताशीगांग पर 2019 में 100 फीसदी मतदान हुआ था। यह मतदान केंद्र राज्य की मंडी संसदीय सीट के अधीन है, जहां से भाजपा के टिकट पर कंगना रनौत और कांग्रेस के टिकट पर विक्रमादित्य सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। इसके तहत आने वाले अधिकांश ग्रामीण लोक निर्माण विभाग (पी.डब्ल्यू.डी.) के लिए अनुबंध पर दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करके जीविकोपार्जन करते हैं। रिपोर्ट में श्रमिकों के नेता व स्थानीय निवासी तेनजिन लुंडुप के हवाले से कहा गया है कि कुछ लोग विभाग में सात साल से कार्यरत थे, लेकिन पिछले साल उनका अनुबंध समाप्त होने के बाद वे अचानक बेरोजगार हो गए। विभाग का कहना है कि उसके पास उस काम को जारी रखने के लिए बजट नहीं है।
रोजगार का नहीं बचा साधन
लुंडुप ने ग्रामीणों के साथ पिछले सप्ताह लाहौल और स्पीति के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उनकी आजीविका के साधन सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन के हस्तक्षेप की मांग की गई थी। लुंडुप का कहना है कि हम लगभग 20 ग्रामीण थे जो लोक निर्माण विभाग के साथ काम करते थे। हमारे पास अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है। रिपोर्ट में कहा कहा है कि इस मामले में ए.डी.सी. लाहुल ने मामले में अनभिज्ञता जताई है।
मतदान केंद्र, चीन सीमा से 29 किमी दूर ताशीगांग और गेटे के दो गांवों को कवर करता है और 2019 में स्थापित किया गया था जब इसमें 48 मतदाता थे। स्थानीय महिला मंडल की प्रमुख पालज़ोर डोल्मा का कहना है कि कहाहम ग्रामीणों को चुनाव में भाग लेने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी वे बहिष्कार पर अड़े हुए हैं, क्योंकि यह मुद्दा आजीविका से जुड़ हुआ है। उन्होंने कहा कि जब ठंड कम हो जाती है तो ग्रामीण मटर और आलू उगाने का सहारा लेते हैं, लेकिन क्षेत्र में कड़ाके की सर्दी को देखते हुए यह एक मौसमी उद्यम है।
ताशीगांग सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है जो ऊंचे इलाकों में बर्फबारी के कारण फिलहाल बंद है। स्पीति के मुख्यालय काजा में सबसे अधिक 811 मतदाता हैं, इसके बाद गुलिंग में 544 और रंगरिक में 478 मतदाता हैं। इससे पहले लाहौल-स्पीति जिले में 14,400 फीट की ऊंचाई पर स्थित हिक्किम गांव देश का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र था।