Edited By ,Updated: 14 Aug, 2016 02:45 PM
रियो ओलिंपिक में पदक का खाता नहीं खोल पाए भारत को अब सबसे बड़ी उम्मीद दीपा कर्मकार से है। दीपा कर्मकार जिम्नास्टिक..
नई दिल्ली: रियो ओलिंपिक में पदक का खाता नहीं खोल पाए भारत को अब सबसे बड़ी उम्मीद दीपा कर्मकार से है। दीपा कर्मकार जिम्नास्टिक महिला वॉल्ट के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच चुकी है और आज घर परिवार से लेकर पूरा देश उस घड़ी का इंतजार कर रहा है जब दीपा जिम्नास्टिक में देश का पहला मेडल लाएंगी।
बता दें कि दीपा करमाकर का जन्म 9 अगस्त 1993 में त्रिपुरा के अगरतला में हुआ था। दीपा के पांव बचपन से समतल थे। इन्होंने 6 साल की उम्र से जिम्नास्टिक की ट्रेनिंग बिस्बेश्वर नंदी से लेनी शुरू कर दी थी। जब दीपा जिमनास्टिक्स के लिए ट्रेनिंग ले रही थी तभी उनके कोच का कहना था कि उनके पैर फ्लैट है जो कि इस खेल कें आदर्श नहीं माने जाते, लेकिन इन सबसे को मात देकर दीपा ने कड़ी मेहनत की और आज परिणाम सामने है।