पाकिस्तान में हिंदुओं की आस्था को पहुंचाई गई ठेस, ढहाया गया सालों पुराना हनुमान मंदिर

Edited By Jyoti,Updated: 22 Aug, 2020 01:46 PM

in lyari pakistan pre partition hindu temple allegedly demolished

न केवल देश में बल्कि दुनिया भर से इस समय कोरोना का कहर है। जिस कारण बहुत से ऐसे देश हैं, जिन्होंने अपने देश के कुछ राज्य आदि में लॉकडाउन लगा रखा है।

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न केवल देश में बल्कि दुनिया भर से इस समय कोरोना का कहर है। जिस कारण बहुत से ऐसे देश हैं, जिन्होंने अपने देश के कुछ राज्य आदि में अभी तक लॉकडाउन लगा रखा है। जिस कारण कई धार्मिक स्थल आदि के कपाट भक्तों के लिए बंद है। अभी लोगों इस बात की निराशा से ही जूढ रहे थे कि वो इस बार तमाम तरह के हिंद पर्वो पर भगवान के दर्शन नहीं कर पाएंगे कि ऐसे में पाकिस्तान में कोरोना महामारी का फायदा उठाते हुए ऐसा काम किया गया है जिससे न केवल पाकिस्तान के बल्कि भारत में रह रहे हिंदुओं की भी भावनाएं आहत हुई हैं। जी हां, आपको बता दें दरअसल खबर है पाकिस्तान के सिंध प्रांत की। जहां कुछ ऐसा घटित हुआ कि पुलिस को सोमवार को यहां के एक निर्माण स्थल को सील कर दिया।

बताया जा रहा है यहां विभाजन से पूर्व 1 बिल्डर द्वारा एक हिंदू हनुमान मंदिर को कथित तौर पर ढहा दिया गया। जैसे ही ये बात यहां के हिंदुओं तक पहुंची तो दर्जनों हिंदू परिवार ल्यारी में फिदा हुसैन शेख रोड की तंग सड़कों पर उस जगह इकट्ठा हो गए।

लोगों की इतनी भीड़ देखकर घटना स्थल पर ल्यारी के सहायक आयुक्त अब्दुल करीम मेमन पुलिस के साथ पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने मंदिर का निरीक्षण किया तथा निर्माणाधीन स्थल के तीनों दरवाजों को सील कर दिया, जहां एक आवासीय भवन बनाया जाने की बात कही जा रही है।

पुलिस ने बताया कि इस पूरे मामले की तफ्तीश के लिए ही जगह को सील किया गया है।

प्राचीन हनुमान मंदिर को यूं तोड़े जाने पर मोहम्मद इरशाद बलूच ने कहा, ‘हिंदुओं की आस्था का केंद्र व प्राचीन धार्मिक स्थल के साथ ऐसा करना अन्याय है। यह एक पुराना मंदिर था। हमने इसे बचपन से देखा है।’ 


तो वहीं क्षेत्र के निवासी हीरा लाल ने कहा कि मंदिर के पास लगभग 18 परिवार रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें बिल्डर द्वारा आश्वासन दिया गया था कि मंदिर को नहीं ढहाया जाएगा।’ मगर रविवार देर शाम को उनके द्वारा को ढहा दिया गया। 

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक एक अन्य निवासी हरेश ने बताया कि 'लॉकडाउन के चलते किसी को भी मंदिर आने की इजाजत नहीं थी।' 

तो इसके अलावा अक्सर मंदिर आने वाले एक अन्य निवासी ने कहना है कि ‘बिल्डर ने महामारी का फायदा उठाया और हमारे पूजा स्थल को ढहा दिया।’ 

जबकि उल्टा उन सब द्वारा मंदिर के पुनः निर्माण की मांग की गई थी। उन्होंने दावा किया कि बिल्डर ने क्षेत्र के समस्त हिंदू निवासियों से वादा किया था कि मंदिर को नहीं ढहाया जाएगा और वैकल्पिक आवास का आश्वासन दिया गया था।

मंदिर के ढहाए जाने पर हिंदू निवासियों ने अपनी निराशा और गुस्से को व्यक्त किया। इतना ही नहीं एक हिंदू कार्यकर्ता मोहन लाल का कहना है कि बिल्डर ने इकट्ठा हुए अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को धमकाने का भी प्रयास किया। 


उनका कहना है कि , ‘हमने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की लेकिन बिल्डर ने प्रवेश नहीं दिया।’
 

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