Edited By pooja verma,Updated: 05 May, 2020 11:47 AM
सोमवार को चंडीगढ़ सैक्टर-6 अस्पताल से डिलीवरी करवाकर आ रहे एक दंपत्ति को बच्चे के साथ एंबुलैंस ने चंडीगढ़ बॉर्डर पर ही उतार दिया।
मोहाली (विनोद राणा): सोमवार को चंडीगढ़ सैक्टर-6 अस्पताल से डिलीवरी करवाकर आ रहे एक दंपत्ति को बच्चे के साथ एंबुलैंस ने चंडीगढ़ बॉर्डर पर ही उतार दिया। साथ ही दंपत्ति को खरड़ छोड़ने से मना कर दिया। इसके बाद दपंत्ति ने मोहाली पुलिस पी.सी.आर. की मदद ली। जिसके बाद वह अपने घर पहुंच पाए। इतना ही नहीं पुलिस ने परिवार को राशन समेत अन्य जरूरी सामान भी मुहैया करवाया। आगे भी मदद का वायदा किया है।
3 किलोमीटर आगे-जाने के 800 रुपए मांगे
मुंडी खरड़ निवासी अकिंत ने बताया कि उसकी पत्नी ने 27 अप्रैल बच्चे को जी.एम.एस.एच.-16 में बेटी को जन्म दिया था। इसके बाद उसकी पत्नी वहीं भर्ती थी। 3 मई को अस्पताल से उसकी पत्नी की छुट्टी हुई। इसके बाद उन्होंने वहां से फेज-6 मोहाली के लिए एंबुलेंस ली थी। उन्होंने एंबुलैंस चालक को कहा कि उन्हें रिहायश मुंडी खरड़ में छोड़ दे।
इस पर एंबुलेंस ड्राइवर का कहना था कि वह यू.टी. सीमा से आगे नहीं जाएगा। इसके बाद ड्राइवर एक शर्त पर चलने के लिए भी तैयार हो गया। उसका कहना था कि मुंडी खरड़ के लिए उसे 800 रुपए देने होंगे। अंकित ने बताया कि उस जगह से उसका घर मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर है। वहीं, उसकी जेब में इतने ज्यादा पैसे भी नहीं थे। ऐसे में एंबुलैंस वाले ने उन्हें बार्डर पर ही उतार दिया।
पी.सी.आर. इंचार्ज खुद मौके पर मदद को पहुंचे
वहीं, अंकित ने बताया कि उसकी पत्नी चलने लायक नहीं थी। उसने पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन कर मदद मांगी। अंकित ने बताया कि फोन करने के तुरंत बाद पी.सी.आर. के इंचार्ज असिस्टैंट सब-इंस्पैक्टर अजय पाठक मौके पर पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने उसकी पत्नी और उसे गाड़ी में बिठाकर घर छोड़ दिया।