श्रावण संक्रांति पर माता चिंतपूर्णी दरबार में मेले जैसा माहौल

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Jul, 2019 11:55 AM

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मंगलवार को श्रावण माह की संक्रांति के पावन दिवस पर देवभूमि के नाम से जाने जाते हिमाचल प्रदेश में स्थित विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल छिन्न मस्तिका धाम माता चिंतपूर्णी दरबार में श्रावण अष्टमी के मेले जैसा

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जालंधर (महेश खोसला): मंगलवार को श्रावण माह की संक्रांति के पावन दिवस पर देवभूमि के नाम से जाने जाते हिमाचल प्रदेश में स्थित विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल छिन्न मस्तिका धाम माता चिंतपूर्णी दरबार में श्रावण अष्टमी के मेले जैसा माहौल देखने को मिला। हालांकि यह मेला 1 अगस्त से शुरू होकर 8 अगस्त (श्रावण अष्टमी) तक लगने वाला है। मेले में लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने के कारण हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपनी आस्था को लेकर श्रावण माह की संक्रांति पर छिन्न मस्तिका धाम में पहुंच जाते हैं ताकि मेले के दिनों में उन्हें मां के दर्शनों को लेकर बड़ी मुश्किलों में से न गुजरना पड़े। 

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आज संक्रांति के साथ-साथ महामाई का दिन मंगलवार तथा गुरु पूर्णिमा होने के कारण भीड़ पहले से भी कहीं ज्यादा थी। रात्रि 10 बजे मंदिर बंद कर दिया गया था और सुबह 4.30 बजे के करीब खोला गया, जिसके चलते रात्रि 11 बजे के लाइन में खड़े हुए मां के भक्त सुबह 5 बजे के बाद भवन में पहुंच पाए। इस दौरान उन्हें घंटों लाइन में ही खड़े रहना पड़ा। इसके बावजूद उनकी आस्था का जुनून बता रहा था कि मंदिर जब भी खुलेगा, वह अपनी जगत जननी मां चिंतपूर्णी जी के दर्शन करके ही जाएंगे।

इसी आस्था ने उन्हें मंदिर भी पहुंचाया और मां के दर्शन भी हुए। वैसे कहा जाता है कि हर संक्रांति पर मंदिर रात 10 बजे बंद करने के बाद एक बजे खोल दिया जाता है लेकिन सोमवार की रात्रि को ऐसा नहीं हुआ। मां के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे भक्तों की जोरदार मांग थी कि भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर खोल दिया जाना चाहिए था। 

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दर्शन पर्ची से होंगे दर्शन 
माता चिंतपूर्णी मंदिर के अधिकारी बताते हैं कि मेले के दिनों में सभी श्रद्धालुओं को दर्शन पर्ची मिलेगी। उसके बिना वह दर्शन नहीं कर पाएंगे। हालांकि संक्रांति व आम दिनों में यह दर्शन पर्ची नहीं दी जाती है। श्रावण माह की संक्रांति के दिन भी मां के भक्तों ने बिना दर्शन पर्ची के ही मां के भवन में पहुंच कर मां के दर्शन किए। मंदिर अधिकारी का कहना है कि इससे कई घंटों से लाइन में खड़े होकर आग बढ़ रहे श्रद्धालुओं को राहत रहती है क्योंकि कई श्रद्धालु दुकानदारों से प्रशाद इत्यादि लेने के चक्कर में आगे जाकर लाइन में लग जाते हैं। 

साइकिलों-स्कूटरों पर तथा पैदल जा रहे थे श्रद्धालु 
श्रावण माह की संक्रांति के दिन भी बहुत से श्रद्धालु स्कूटर-मोटरसाइकिलों व साइकिलों के अलावा पैदल भी मां के दरबार पर जाते देखे गए। इसी तरह कई श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी होने पर दंडवत करते हुए भरवाईं तथा चिंतपूर्णी अड्डे से भवन तक जा रहे थे, जिनमें महिला श्रद्धालु भी शामिल थीं। वहीं पंजाब की धार्मिक संस्थाओं ने लंगर भी लगाए थे।   

अष्टमी मेेले की तैयारियों में जुटा ऊना प्रशासन
ऊना जिला प्रशासन श्रावण अष्टमी मेले की तैयारियों में जुट गया है। मेले में देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं तथा लंगर लगाने वाली संस्थाओं की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए बड़ी संख्या में हिमाचल पुलिस के जवान तैनात किए जा रहे हैं। उनकी ड्यूटियां लगाई जा रही हैं। सफाई व्यवस्था का ध्यान रखने के लिए भी विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। 

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