बदलाखोरी कर पंजाब को निशाना बना रहे हैं मोदी : चीमा

Edited By Ajesh K Dharwal,Updated: 31 Oct, 2020 09:02 AM

pollution

हवा प्रदूषण के संदर्भ में केंद्रीय अध्यादेश और आर.डी.एफ. के मुद्दे पर राज्यपाल को मिला प्रतिनिधिमंडल  सरकारों की नालायकी के कारण मजबूरीवश पराली जलाते हैं किसान

चंडीगढ़,  (रमनजीत): आम आदमी पार्टी (आप) नेता व नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा और यूथ वग के प्रदेशाध्यक्ष व विधायक मीत हेयर के नेतृत्व में विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल वी.पी.सिंह बदनौर से मुलाकात की। उनके द्वारा केंद्र सरकार से मांग की है कि केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय की ओर से हवा प्रदूषण से निपटने के लिए जारी अध्यादेश तुरंत वापस लिया जाए। इसके अलावा केंद्रीय खपतकार मामले, खुराक और सार्वजनिक फंड प्रणाली मंत्रालय की ओर से पत्र जारी कर ग्रामीण विकास फंड (आर.डी.एफ.) की रोकी करीब 1000 करोड़ की राशि तुरंत जारी की जाए। 

 


‘आप’ ने रोष जताया कि दोनों तर्कहीनता के साथ लिए गए एकतरफा फैसले हैं। यह संघीय ढांचे और प्रदेश के अधिकारों पर हमले हैं। फैसले पंजाब की आॢथकता, उद्योग, ग्रामीण विकास और सबसे अधिक किसानों को बुरी तरह प्रभावित करेंगे। प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र के दोनों फैसलों को किसान संघर्ष के विरुद्ध मोदी सरकार की बौखलाहट और बदलाखोरी बताया।
मीडिया के साथ बातचीत में चीमा ने कहा कि बिना संदेह आम आदमी पार्टी साफ सुथरे राज प्रबंध के साथ-साथ साफ-सुथरे वातावरण की हिमायती है। दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने साफ-सुथरी आबो-हवा के लिए अनेकों ठोस कदम उठाए हैं। नेताओं ने पराली के प्रदूषण को सख्त कानूनी कार्रवाई के साथ रोकने की बजाय केंद्र और राज्य सरकारों को किसानों को पराली के निपटारे के लिए स्थाई हल करना जरूरी है, क्योंकि किसान पराली को मजबूरी में आग लगाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब और केंद्र की सभी सरकारों ने गंभीर चुनौती को हल करने के लिए कुछ नहीं किया।
मीत ने कहा कि पराली की समस्या के लिए किसान को ही खलनायक के तौर पर पेश किया जाने लगा है। कानून की तलवार किसानों पर ही लटकाई जा रही है, जो अन्नदाता के साथ सरासर धक्का है। ताजा अध्यादेश भी इसी कड़ी का और घातक कदम है। बेहतर होता श्री गुरु नानक देव थर्मल प्लांट बङ्क्षठडा को पराली के साथ चलाया जाता। जिसका किसानों को भी आॢथक लाभ मिलता।
उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि पराली के निपटारे के लिए प्रति एकड़ 6 से 7 हजार रुपए होते खर्च की बोनस या प्रति एकड़ मुआवजे के साथ भरपाई की जाती। इस एकतरफा अध्यादेश के अनुसार एक करोड़ रुपए तक जुर्माना और 5 सालों तक सजा का फरमान है। कमीशन के हुक्मों को सिर्फ एन.जी.टी. में ही चुनौती देने तक सीमित कर दिया है। इसलिए इस एकतरफा फरमान को केंद्र सरकार तुरंत वापस ले।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र से मांग की कि पंजाब सरकार आर.डी.एफ. का दुरुपयोग के दोषों पर तुरंत व्हाइट पेपर जारी करे। प्रतिनिधिमंडल में सर्बजीत कौर माणूंके (उप नेता विरोधी पक्ष), ङ्क्षप्रसीपल बुद्ध राम, कुलतार ङ्क्षसह संधवां, मनजीत ङ्क्षसह बिलासपुर, जै कृष्ण ङ्क्षसह रोड़ी, कुलवंत ङ्क्षसह पंडोरी, मास्टर बलदेव ङ्क्षसह उपस्थित थे। 

 

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