Edited By ,Updated: 10 Apr, 2017 01:08 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसलों का असर पंजाब पर भी पड़ना शुरू हो गया है। हाल ही में यू.पी. में बूचड़खाने बंद होने से जहां यू.पी. में चमड़ा व्यापार और अन्य व्यापारों पर इसका असर पड़ा वहीँ पंजाब में भी अब इसका असर दिखना शुरू हो गया...
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसलों का असर पंजाब पर भी पड़ना शुरू हो गया है। हाल ही में यू.पी. में बूचड़खाने बंद होने से जहां राज्य में चमड़ा व्यापार और अन्य व्यापारों पर इसका असर पड़ा वहीं पंजाब में भी अब इसका असर दिखना शुरू हो गया है। जालंधर में दुनिया भर में मशहूर चमड़ा और खेल उद्योग इसका शिकार हुआ है। चमड़ा व्यापारियों के अनुसार यू.पी. में बूचड़खाने बाद होने के कारण पंजाब में चमड़ा उद्योग ख़तम हो जाएगा।
टेंशन में व्यापारी
जालंधर पूरी दुनिया में खेल और चमड़े के उद्योग की पहचान रखता है। पिछले कुछ समय से मंदी की मार झेल रहे इस उद्योग को अब एक और मार पड़ी है। यह झटका उन्हें पंजाब से नहीं बल्कि यू.पी. से लगा है। दरअसल, यह उद्योग अपने कच्चे माल (चमड़े) के लिए 50 प्रतिशत उत्तर प्रदेश पर निर्भर करता है। चमड़े से जूते ,खेल और अन्य किस्म का सामान बनाने वाले इन व्यापारियों को इस बात की चिंता है की यू.पी. में बूचड़खाने बंद होने के बाद अब उन्हें चमड़े की सप्लाई कहां से मिलेगी। गौरतलब है की जालंधर में इस उद्योग के चलते हजारों परिवार अपनी रोजी-रोटी यहीं से चलाते हैं।
स्टॉक खत्म होने के बाद क्या करेंगे?
चमड़ा व्यापारियों का कहना है कि चमड़े के भरोसे वह बड़े बड़े एक्सपोर्ट के आर्डर सारी दुनिया के व्यापारियों से लेते हैंं लेकिन अब जब यहां चमड़े की सप्लाई ही बंद हो जाएगी तो उनके लिए यह ऑर्डर पूरे करने मुश्किल हो जाएंगे। चमड़ा व्यापारी अमनदीप सिंह संधू के अनुसार, अभी तो उनके पास थोड़ा बहुत चमड़े का स्टॉक है। पर जब यह स्टॉक खत्म हो जाएगा तो मुश्किलें बढ़ जाएंगी। उनके अनुसार, उन्हें सबसे ज्यादा चमड़े की सप्लाई यू.पी. से आती है। अब अगर इसकी सप्लाई बंद होने के कारण यूनिट बंद होती हैं तो यहां काम करने वाले लोगों के लिए खासी मुश्किल हो जाएगी।