Edited By PTI News Agency,Updated: 04 Aug, 2020 10:12 PM
जयपुर, चार अगस्त (भाषा) राजस्थान विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मंगलवार को आरोप लगाया कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के कथित प्रयास के आरोप में दर्ज तीन प्राथमिकी में भादंसं की धारा 124-ए (राजद्रोह) को हटाना दर्शाता है कि राज्य...
जयपुर, चार अगस्त (भाषा) राजस्थान विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मंगलवार को आरोप लगाया कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के कथित प्रयास के आरोप में दर्ज तीन प्राथमिकी में भादंसं की धारा 124-ए (राजद्रोह) को हटाना दर्शाता है कि राज्य सरकार विद्रोही विधायकों की आवाज दबाने के लिए जांच एजेंसियों का उपयोग कर रही है।
राठौड़ ने दावा किया कि यह पहले दिन से ही ज्ञात था कि असंतुष्ट विधायकों में गिरफ्तारी का भय पैदा करने और फिर भी नहीं मानने पर येन—केन प्रकारेण उन्हें गिरफ्तार करने का षड़यंत्र रचते हुए ही विशेष कार्यबल (एसओजी) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में सभी फ़र्ज़ी प्रकरण दर्ज़ कराये गए थे।
उन्होंने एक बयान में आरोप लगाया कि इस षड़यंत्र को अंजाम देने में चुनिंदा पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के इशारे पर कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं ।
राठौड़ ने कहा कि मुख्य सचेतक महेश जोशी ने इस धारा के तहत प्रथम सूचना दर्ज करवाई गई थी। धारा 124 ए के अपराध का अनुसन्धान करने के लिए 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का गठन किया गया था।
उन्होंने दावा किया कि लेकिन एनआईए के द्वारा इन सभी प्रकरणों की स्वतंत्र रूप से निष्पक्ष जांच होने पर सरकार की किरकिरी होने के डर से तथा प्रकरण दर्ज़ कराये जाने के पीछे छुपे राज उजागर होने से बचने के लिए एसओजी ने आरोप को वापस ले लिया है।
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