राजस्थान विधानसभा में भारी हंगामा, कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

Edited By PTI News Agency,Updated: 24 Aug, 2020 09:11 PM

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जयपुर, 24 अगस्त (भाषा) राजस्थान विधानसभा में सोमवार को भारी हंगामा हुआ। सदन ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए सदन की कार्यवाही से बाहर करने का प्रस्ताव पारित किया जिसे हालांकि बाद में वापस ले लिया गया।...

जयपुर, 24 अगस्त (भाषा) राजस्थान विधानसभा में सोमवार को भारी हंगामा हुआ। सदन ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए सदन की कार्यवाही से बाहर करने का प्रस्ताव पारित किया जिसे हालांकि बाद में वापस ले लिया गया। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित करनी पड़ी और शाम को सदन अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।

इससे पहले सदन में सोमवार का दिन काफी हंगामेदार रहा। इसकी शुरुआत सुबह सरकार के मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी द्वारा कार्य सलाहकार समिति कस अट्ठारहवां प्रतिवदेन रखे जाने के साथ हुआ। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया व उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस तरह से प्रतिवेदन पारित करवाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सरकार बिजली सहित अन्य मुद्दों पर बहस नहीं करवा रही। उन्होंने इसे लोकतंत्र का मजाक बताया। आसन ने जब उनकी बात नहीं सुनी तो भाजपा सदस्यों ने बहिर्गमन किया।

इसके बाद राजस्थान भिखारियों या निर्धन व्यक्तियों का पुनर्वास संशोधन विधेयक (2020) पर चर्चा के दौरान फिर आसन और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोक झोंक हुई। भाजपा विधायक किरण महेश्वरी जब बोल रही थीं तो अध्यक्ष जोशी ने उनसे विधेयक के दायरे में अपनी बात रखने को कहा। इसको लेकर आसन की महेश्वरी, भाजपा विधायक मदन दिलावर व उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ के साथ तीखी नोकझोंक हुई। विपक्षी सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे।

आसन ने सदस्यों से अपनी जगह पर जाने को कहा लेकिन वे नारेबाजी करते रहे। इस बीच राठौड़ की एक बार फिर आसन से नोकझोंक हुई तो अध्यक्ष जोशी ने संसदीय मंत्री शांति धारीवाल से राठौड़ को सदन से बाहर करने का प्रस्ताव लाने को कहा। धारीवाल ने प्रस्ताव रखा, ‘‘मैं प्रस्ताव करता हूं कि राजेंद्र राठौड़ को इस सत्र के आखिर तक बाहर निकाल दिया जाए।’’
विपक्ष के हंगामे के बीच इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया और अध्यक्ष जोशी ने राठौड़ से सदन से बाहर जाने को कहा और कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद जब सदन बैठा तो हंगामा जारी रहा। अध्यक्ष जोशी ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष व विधायक सतीश पूनियां से कहा कि वे अध्यक्ष द्वारा दी गयी व्यवस्था का पालन करते हुए राठौड़ को एक बार बाहर भेजें इसके बाद वह खुद सत्तापक्ष से कहेंगे कि उनका निलंबन रद्द करने का प्रस्ताव लाया जाए। लेकिन विपक्ष ने उनकी बात एक तरह से अनसुनी कर दी। इस बीच कई विधेयक पारित किए गए। इस बीच सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित की गयी। कुल मिलाकर दिन में चार बार कार्यवाही स्थगित हुई।

बाद में जब सदन बैठा तो नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि अध्यक्ष और आसन का कभी अपमान हो ये वह कभी सोच भी नहीं सकते लेकिन बिजली बिल, कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों को भी आसन ध्यान में रखे। इसके बाद विपक्ष ने पारित विधेयकों पर असहमति के रूप में सदन से बहिर्गमन किया।

अध्यक्ष जोशी ने कहा कि इन मुद्दों पर प्रश्नकाल व शून्यकाल में चर्चा के लिए सभी तैयार हैं लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इन्हें स्थगित रखा गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी विधानसभा में प्रश्नकाल व शून्य काल नहीं हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया किया हालात सुधरने पर सत्र को फिर बुलाया जाएगा। अध्यक्ष के निर्देश पर संसदीय मंत्री शांति धारीवाल ने राठौड़ को कार्यवाही से बाहर करने के प्रस्ताव को वापस ले लिया। सदन ने इस पर ध्वनिमत से सहमति दी।

इससे पहले सुबह भाजपा ने कार्य सलाहकार समिति की बैठक का बहिष्कार किया। उल्लेखनीय है कि सदन का यह सत्र 14 अगस्त को शुरू हुआ था। उस दिन अशोक गहलोत सरकार ने विश्वास मत जीता। इसके बाद 21 अगस्त को आठ व आज सोमवार को पांच विधेयक पारित किए गए। विधेयक पारित होने के बाद विधानसभा में सभापति राजेन्द्र पारीक ने पन्द्रहवीं विधानसभा के पंचम सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।


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