Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jul, 2017 03:05 PM
अपने करियर की सबसे बुरी चोट से गुजरने वाले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप ने कहा है कि जनवरी में प्रीमियर बैडमिंटन लीग के दौरान दायां कंधा...
नई दिल्ली: अपने करियर की सबसे बुरी चोट से गुजरने वाले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप ने कहा है कि जनवरी में प्रीमियर बैडमिंटन लीग के दौरान दायां कंधा खिसकने के बाद उन्हें संदेह था कि वह दोबारा खेल भी पाएंगे या नहीं। अक्तूबर 2015 में पिंडली की चोट के कारण कोर्ट से हटने के बाद से कश्यप की राह आसान नहीं रही है और उन्हें दोबारा पूर्ण फिटनेस हासिल करने के लिए जूझना पड़ा।
पिंडली की चोट से उबरने के बाद जर्मन आेपन में कश्यप के घुटने में चोट लगी जिससे उनका आेलंपिक सपना टूट गया और दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी से वह प्रतियोगिता से बाहर हो गए। कश्यप ने कहा कि यह मेरे जीवन का सबसे मुश्किल चरण था। लेकिन घुटने की चोट के कारण आेलंपिक से चूकने के बावजूद मैं प्रेरित था। मैंने स्वयं से कहा, आेलंपिक चले गए, मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि इसलिए मैं उबरने में ध्यान लगाता हूं और 2017 मेरा साल होगा और कोरिया में सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद मुझे आत्मविश्वास मिला। लेकिन पीबीएल में कंधा खिसकने के कारण मैं बुरी स्थिति में था। तीस साल के कश्यप ने कोरिया के क्वांग ही हियो को 15-21 21-15 21-16 से हराकर आज अमेरिकी आेपन ग्रां प्री गोल्ड के फाइनल में जगह बनाई। यहां सिरी फोर्ट खेल परिसर में एचएस प्रणय के खिलाफ पीबीएल मैच के दौरान कश्यप का दायां कंधा खिसक गया।