‘लीग’ का सबसे बड़ा बाजार बना भारत

Edited By ,Updated: 29 Dec, 2015 09:50 AM

pro league

भारतीय खेलों में प्रो-लीग को लाने में वर्ष 2015 क्रांतिकारी वर्ष साबित हुआ और इस साल में भारत को दुनियाभर में विभिन्न खेलों की लीग ..

नई दिल्ली: भारतीय खेलों में प्रो-लीग को लाने में वर्ष 2015 क्रांतिकारी वर्ष साबित हुआ और इस साल में भारत को दुनियाभर में विभिन्न खेलों की लीग का सबसे बड़ा बाजार बना दिया।
 
2015 में हॉकी इंडिया लीग, क्रिकेट की आई.पी.एल., कबड्डी की प्रो-कबड्डी लीग, टैनिस की चैम्पियंस लीग और इंटरनैशनल प्रीमियर टैनिस लीग (आई.पी.टी.एल.), फुटबाल की इंडियन सुपर लीग और कुश्ती की पहली प्रो-रैसलिंग लीग का आयोजन हुआ। हॉकी, क्रिकेट, कबड्डी, टैनिस और फुटबाल की लीग का आयोजन इससे पहले भी हो चुका था जबकि कुश्ती में लीग की पहली शुरूआत धमाकेदार रही।
आई.बी.एल. से पी.बी.एल. नाम बदला: वर्ष 2013 में पहली बार आयोजित हुई इंडियन बैडमिंटन लीग (आई.बी.एल.) का 2014 और 2015 में आयोजन नहीं हो सका लेकिन इस साल भारतीय बैडमिंटन संघ ने इसे 2016 के शुरू में 2 जनवरी से खुद कराने का फैसला किया है और इसे प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पी.बी.एल.) का नाम दे दिया है।

प्रो -कबड्डी लीग अब साल में 2 बार: प्रो-कबड्डी लीग ने इस पारंपरिक खेल की लगातार दूसरे वर्ष कामयाबी से उत्साहित होकर अगले साल इसे 2 बार कराने की घोषणा की है। कॉर्पोरेट और ब्रांड लीग के लिए पैसा फैंकने को तैयार: दरअसल खेलों के मामले में भारत वैश्विक ब्रांड की नजर में एक बहुत बड़ा बाजार बन चुका है। भारत को ओलिम्पिक स्तर पर चाहे बड़ी कामयाबी न मिल पा रही हो लेकिन कॉर्पोरेट और ब्रांड लीग के लिए पैसा फैंकने को तैयार है। क्रिकेट की आई.पी.एल. का उदाहरण सबके सामने है जिसमें टाइटल स्पांसर छिना और भ्रष्टाचार के चलते चेन्नई और राजस्थान की 2 टीमों को निलंबित किया गया लेकिन चीन की वीवो मोबाइल कंपनी आई.पी.एल. की नई टाइटल स्पांसर बन गई जबकि राजकोट और पुणे 2 नई टीमों के रूप में आई.पी.एल. में शामिल होगए।
 
कुश्ती लीग का सफल आयोजन: कुश्ती लीग का साल के आखिरी महीने में सफल आयोजन हुआ। कुल 6 टीमों ने इसमें हिस्सा लिया जिसमें सभी 6 टीमों को 2 करोड़ रुपए दिए गए और विजेता मुम्बई गरुण को 3 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि भी मिली। स्टार पहलवान सुशील कुमार चोट के कारण लीग से हटे लेकिन दुनिया के विश्व चैम्पियन और ओलिम्पक पदक विजेता पहलवानों की मौजूदगी ने लीग में समां बांध दिया।
 
हॉकी लीग 2016 में नए नियमों के साथ प्रवेश करेगी: हॉकी लीग 2016 में नए नियमों के साथ चौथे सत्र में प्रवेश करेगी जिसमें मैदानी गोल पर 2 अंक दिए जाएंगे। किसी तरह की हॉकी में यह पहला मौका होगा जब मैदानी गोल पर 2 अंक मिलेंगे जिससे हॉकी में स्किल को बढ़ावा दिया जाएगा। एच.आई.एल. में इस नए नियम से दिलचस्प संघर्ष देखने को मिलेगा। खेलों की प्रोफैशनल लीग के लिहाज से नया साल निश्चित रूप से क्रांतिकारी साबित होगा जिससे और खेलों को भी अपनी-अपनी लीग शुरू करने की प्रेरणा मिलेगी।
 
नए वर्ष दिखेंगी 10 लीगें
टेबल टैनिस ने भी 2016 में अपनी लीग शुरू करने का ऐलान किया है। नई लीगों के चलते नए वर्ष में कुल 10 लीगों का मजा देखने को मिलेगा। दुनिया के किसी भी देश में इतनी लीग का आयोजन एक साल में देखने में नहीं आ रहा है चाहे वह खेलों की सुपर पावर क्यों न हो।

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