स्थानीय मांग और सस्ते भाव पर बिकवाली नहीं होने से सरसों, सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार

Edited By PTI News Agency,Updated: 01 Aug, 2020 07:05 PM

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नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) सस्ते आयातित तेलों की मांग बढ़ने से स्थानीय तेल तिलहन बाजार में शनिवार को सोयाबीन डीगम सहित सोयाबीन के अन्य तेलों में सुधार देखा गया। सहकारी संस्था नाफेड द्वारा तिलहन उत्पादक किसानों के हित को ध्यान में रखकर घटे...

नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) सस्ते आयातित तेलों की मांग बढ़ने से स्थानीय तेल तिलहन बाजार में शनिवार को सोयाबीन डीगम सहित सोयाबीन के अन्य तेलों में सुधार देखा गया। सहकारी संस्था नाफेड द्वारा तिलहन उत्पादक किसानों के हित को ध्यान में रखकर घटे भाव पर मंडी में सरसों नहीं बेचने से सरसों तिलहन और तेल कीमतों में सुधार दर्ज हुआ।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सस्ते आयातित तेलों की व्यावसायिक मांग बढ़ने के कारण पाम एवं पामोलीन तेलों के भाव में भी पर्याप्त सुधार दर्ज हुआ।

सूत्रों के अनुसार देश में मूंगफली और सोयाबीन के पहले से बचे भारी स्टॉक और आगामी फसल उत्पादन बढ़ने की उम्मीद के कारण मूंगफली तेल पर दबाव दिखा क्योंकि सस्ते आयात के आगे इसकी मांग प्रभावित हो रही है। इस स्थिति की वजह से मूंगफली दाना और उसके तेल कीमतों में गिरावट दर्ज हुई।

सूत्रों ने कहा कि देश के कुछ बड़े तेल उद्योग, बहुराष्ट्रीय कंपनियां नहीं चाहते कि आयात शुल्क में वृद्धि हो और वे भारत को तेल तिलहन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के मुद्दे पर भी गंभीर नहीं दीखते। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि आयात शुल्क मूल्य को मनमाने तरीके से निर्धारित कर दिया जाता है। सूत्रों ने कहा कि ऐसे तत्वों पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।

सूत्रों ने कहा कि देश में किसानों और नाफेड के पास सरसों का स्टॉक पड़ा है और स्थानीय घरेलू मांग इसी तेल की है। सरसों की अगली फसल आने में अभी आठ महीने का समय है। ऐसे में नाफेड को मंडी में कम मात्रा में ही सरसों को बिक्री के लिए लाना चाहिये।

सूत्रों ने कहा कि विदेशी सस्ते तेलों के आयात बढ़ने के कारण सूरजमुखी, मूंगफली और सोयाबीन हाजिर मंडियों में लागत मूल्य से 15 से 20 प्रतिशत नीचे बिक रहे हैं। एसईए और सोपा जैसे तेल उद्योग के प्रमुख संगठनों ने भी ऐसी स्थिति में सरकार से सस्ते आयात पर अंकुश लगाने और आयात शुल्क में वृद्धि करने की सलाह दी है।

तेल-तिलहन के शनिवार को बंद भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन - 4,950- 5,020 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 4,635 - 4,685 रुपये।

वनस्पति घी- 965 - 1,070 रुपये प्रति टिन।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 12,180 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,825- 1,875 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,620 - 1,760 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,730 - 1,850 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,400 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,100 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 8,350 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला-7,500 से 7,550 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 8,200 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 9,000 रुपये।

पामोलीन कांडला- 8,150 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,625- 3,650 लूज में 3,360--3,425 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये

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