Edited By PTI News Agency,Updated: 30 Aug, 2020 09:02 PM
नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व विचारक के एन गोविंदाचार्य ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि ‘बॉइज लॉकर रूम’ जैसे समूहों की उपस्थिति फेसबुक की उसके सोशल मीडिया मंच पर ‘‘फर्जी समाचार, नफरत फैलाने वाले...
नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व विचारक के एन गोविंदाचार्य ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि ‘बॉइज लॉकर रूम’ जैसे समूहों की उपस्थिति फेसबुक की उसके सोशल मीडिया मंच पर ‘‘फर्जी समाचार, नफरत फैलाने वाले भाषण और अवैध आपराधिक सामग्री से निपटने में विफलता’’ को इंगित करता है।
उच्च न्यायालय में फेसबुक ने दावा किया है कि उसने नफरत फैलाने वाले भाषण और फर्जी समाचार जैसी अनुचित या आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार का पता लगाने और उसे रोकने के लिए सामुदायिक मानकों, रिपोर्टिंग उपकरण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे उपायों को अपनाया है।
फेसबुक के दावों के अपने जवाब में गोविंदाचार्य ने अधिवक्ता विराग गुप्ता के माध्यम से दायर किए गए अपने प्रत्युत्तर में कहा, ‘‘बॉइज लॉकर रूम जैसे समूहों की मौजूदगी प्रतिवादी (फेसबुक) की सोशल मीडिया पर फर्जी समाचार, अभद्र भाषा और अवैध आपराधिक सामग्री से निपटने में निष्क्रियता और विफलता को दर्शाती है।’’
गोविंदाचार्य ने अपनी जनहित याचिका में केन्द्र, गूगल, फेसबुक और ट्विटर को यह निर्देश दिये जाने का अनुरोध किया था कि इन तीन मचों पर प्रसारित फर्जी खबरों और नफरत फैलाने वाले भाषणों को हटाया जाना सुनिश्चित किया जाये।
गोविंदाचार्य ने अपनी याचिका में, साइबरस्पेस में बच्चों की सुरक्षा के वास्ते सोशल मीडिया मंचों से ‘बॉइज लॉकर रूम’ जैसे गैरकानूनी समूहों को हटाने का अनुरोध करते हुए एक आवेदन भी दिया है।
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