Edited By PTI News Agency,Updated: 02 Sep, 2020 08:32 PM
नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) सरकार ने मुनाफाखोरी-रोधी महानिदेशालय (डीजीएपी) समेत अन्य प्राधिकरणों को मुनाफाखोरी- रोधी संबंधी उन जांच, आदेश एवं अन्य संबंधित कार्यों को पूरा करने को लेकर 30 नवंबर तक का समय दिया है, जिनका अनुपालन 20 मार्च 29...
नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) सरकार ने मुनाफाखोरी-रोधी महानिदेशालय (डीजीएपी) समेत अन्य प्राधिकरणों को मुनाफाखोरी- रोधी संबंधी उन जांच, आदेश एवं अन्य संबंधित कार्यों को पूरा करने को लेकर 30 नवंबर तक का समय दिया है, जिनका अनुपालन 20 मार्च 29 नवंबर के बीच होना है।
अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने अधिसूचना में कहा, ‘‘जीएसटी कानून की धारा 171 के तहत किसी कार्रवाई को पूरा करने के लिये समयसीमा 20 मार्च से 29 नवंबर, 2020 तक है, और जहां कार्रवाई का अनुपालन इस दौरान नहीं हुआ, तब ऐसे कार्यों को पूरा करने या अनुपालन को लेकर समयसीमा बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 किया जाएगा।’’
जीएसटी कानून की धारा 171 मुनाफाखोरी-रोधी उपायों से जुड़ी है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण (एनएए) और मुनाफाखोरी-रोधी पर गठित स्थायी समिति को कर की दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं देने की शिकायतों की जांच करने की जिम्मेदारी दी गयी है।
डीजीएपी मुनाफाखोरी-रोधी शिकायतों की जांच करता है और एनएए को रिपोर्ट देता है। एनएए अंतिम आदेश देता है।
डीजीएपी को स्थायी समिति से मामले की सूचना मिलने पर जांच छह महीने के भीतर पूरी करनी होती है। इसे तीन महीने के लिये और बढ़ाया जा सकता है।
जीएसटी नियम यह भी कहता है कि एनएए, डीजीएपी से रिपोर्ट मिलने के बाद छह महीने के भीतर ही निर्धारित करेगा कि पंजीकृत व्यक्ति ने कर की दर में कटौती का लाभ वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति पर कर की दरों में कटौती के रूप में या इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ग्राहकों को वस्तु के दाम में कमी करके दिया या नहीं।
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