Edited By PTI News Agency,Updated: 22 Sep, 2020 07:42 PM
नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को शापूरजी पालोनजी (एसपी) समूह और साइरस मिस्त्री को 28 अक्टूबर तक टाटा संस प्रा लि के शेयर गिरवी रखने या हस्तांतरित करने से रोक दिया।
नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को शापूरजी पालोनजी (एसपी) समूह और साइरस मिस्त्री को 28 अक्टूबर तक टाटा संस प्रा लि के शेयर गिरवी रखने या हस्तांतरित करने से रोक दिया।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने टाटा संस और एसपी समूह को 28 अक्टूबर तक उन शेयरों के मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया जिन्हें पहले ही गिरवी रखा जा चुका है। इस मामले में अब 28 अक्टूबर को आगे सुनवाई होगी।
एसपी समूह के पास टाटा संस के 18.37 प्रतिशत शेयर हैं। एसपी समूह ने कहा था कि टाटा संस ने धन की व्यवस्था के लिये इन शेयरों को गिरवी रखने की उसकी योजना में बाधा डालने के लिये शीर्ष अदालत मे याचिका दायर की और यह अल्पसंख्यक शेयरधारक के अधिकारों का हनन है।
टाटा संस ने पांच सितंबर को शीर्ष अदालत में मामला दायर कर मिस्त्री समूह को पूंजी जुटाने के लिये अपने शेयर गिरवी रखने से रोकने का अनुरोध किया था।
टाटा संस इस याचिका के माध्यम से एसपी समूह को शेयरों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गिरवी करने से रोकना था।
एसपी समूह की योजना विभिन्न स्रोतों से 11,000 करोड रूपए की व्यवस्था करने की है और उसने टाटा संस में अपने 18.37 प्रतिशत शेयरों के एक हिस्से के एवज में कनाडा के एक निवेशक के साथ 3,750 करोड़ रूपए के करार पर हस्ताक्षर किये थे।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि चार सप्ताह बाद इस पर विचार किया जायेगा। इस बीच, संबंधित पक्ष शेयरों को गिरवी रखने या हस्तांतरित करने के मामले में यथास्थिति बनाये रखेंगे।
एसपी समूह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी ए सुंदरम ने कहा कि उन्हें इन शेयरों को गिरवी रखने से रोका जा रहा है और ‘‘यह मेरे लिये परेशानी का सबब बन रहा है।’’
दूसरी ओर, टाटा संस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि मुद्दा कुछ और है क्योंकि टाटा संस प्रा लि को ये शेयर बाजार मूल्य पर खरीदने का अधिकार है परंतु एसपी समूह इन्हें गिरवी रख रहा है।
पीठ ने कहा कि वह मामले में अतिम सुनवाई चार सप्ताह में करेगी।
इससे पहले टाटा संस प्रा. लि. ने शीर्ष अदालत से कहा था कि वह दो समूह की कंपनी नहीं है और उसमें उसकी और साइरस इन्वस्टमेंट्स प्रा. लि. के बीच ‘अर्ध-सहभागिता’ वाली कोई बात नहीं है।
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