भारत ने ओपेक से कच्चे तेल की कीमतों में विसंगति दूर करने को कहा

Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Nov, 2020 08:25 PM

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नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) भारत ने पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक से विभिन्न क्षेत्रों के लिए कच्चे तेल की कीमतों में अंतर से संबंधित विसंगतियों को दूर करने को कहा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक है। इसके साथ ही...

नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) भारत ने पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक से विभिन्न क्षेत्रों के लिए कच्चे तेल की कीमतों में अंतर से संबंधित विसंगतियों को दूर करने को कहा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक है। इसके साथ ही भारत ने कोविड-19 की वजह से वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र की आपूर्ति श्रृंखला में आई अड़चनों का आकलन करने पर भी जोर दिया।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बृहस्पतिवार को भारत-ओपेक ऊर्जा वार्ता की चौथी उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ओपेक भारत की 78 प्रतिशत तेल की मांग को पूरा करता है। इसके अलावा वह भारत की एलपीजी की 59 प्रतिशत और एलएनजी की 38 प्रतिशत जरूरत को पूरा करता है।
भारत ने 2019-20 में ओपेक देशों से 92.8 अरब डॉलर के हाइड्रोकॉर्बन का आयात किया था।
प्रधान ने कहा कि इस महामारी से वैश्विक तेल एवं गैस उद्योग प्रभावित हुआ है। तेल की मांग के साथ ही महामारी ने आपूर्ति पक्ष पर भी असर डाला, जिससे वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव आया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यूरोप के कई देशों में दूसरे दौर के लॉकडाउन तथा कच्चे तेल की कीमतों पर इसके तात्कालिक असर के संकेत देखने को मिल रहे हैं।’’ प्रधान ने कहा कि भारत और ओपेक को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा क्षेत्र विशेषरूप से तेल एवं गैस क्षेत्रों में आ रहे बदलावों को गहराई से देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे हम संयुक्त रूप से मौजूदा दौर में और कोविड-19 के बाद के परिदृश्य में ऊर्जा चुनौतियों का मुकाबला कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि महामारी और उसकी वजह से लागू लॉकडाउन के चलते दुनियाभर में मांग प्रभावित हुई है। इससे कच्चे तेल की उपलब्धता बहुत ज्यादा हो गई है, जिसकी वजह से कीमतें नीचे आई हैं।
प्रधान ने कहा, ‘‘कोविड-19 की वजह से वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र की आपूर्ति श्रृंखला में आई अड़चनों का आकलन करने की जरूरत है। प्रधान ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि ओपेक सचिवालय सदस्य देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में कच्चे तेल की कीमतों में अंतर से जुड़ी विसंगतियों को दूर करने के लिए बात करेगा। हालांकि, उन्होंने इन विसंगतियों का खुलासा नहीं किया।
परंपरागत रूप से ओपेक देश पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं को पूर्वी देशों की तुलना में कच्चे तेल की बिक्री में काफी छूट या रियायत देते हैं।


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