मोदी ने स्टार्ट-अप के लिए की 1,000 करोड़ रुपये शुरुआती कोष की घोषणा

Edited By PTI News Agency,Updated: 16 Jan, 2021 09:18 PM

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नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 1,000 करोड़ रुपये के ‘स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड’ शुरू किये जाने की घोषणा की। इस कोष की शुरुआत देश में नये उद्यमियों और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन देने के लिये की गई है।

नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 1,000 करोड़ रुपये के ‘स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड’ शुरू किये जाने की घोषणा की। इस कोष की शुरुआत देश में नये उद्यमियों और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन देने के लिये की गई है।
मोदी ने ‘‘प्रारम्भ: स्टार्ट-अप भारत अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन’ को संबोधित करते हुये विश्वास व्यक्त किया कि स्टार्ट-अप की वृद्धि से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और उस क्षेत्र के लोगों के जीवन में सुधार लाने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘नये उद्यमियों को शुरुआती पूंजी उपलब्ध कराने के लिये देश 1,000 करोड़ रुपये के ‘स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड’ की शुरुआत कर रहा है। इससे नये उद्यमों की शुरुआत करने और उनकी वृद्धि को प्रोत्साहन देने में मदद मिलेगी।’’
यह सम्मेलन देश में स्टार्ट-अप इंडिया अभियान के पांच साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री ने 2016 में इसी दिन इस अभियान की शुरुआत की थी।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्टार्ट-अप के लिये इक्विटी पूंजी जुटाने में मदद के वास्ते फंड ऑफ फंड योजना को भी अमल में ला रही है। आने वाले दिनों में सरकार स्टार्ट-अप को ऋण पूंजी जुटाने में भी मदद करने वाली है।
मोदी ने कहा कि भारत आज स्टार्ट-अप के मामले में दुनिया का तीसरा बड़ा देश बन गया है। भारत ने इस दौरान कई उभरते उद्यमियों को आगे बढ़ने में मदद की गई। नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी के साथ ये उद्यमी आगे बढ़े और बड़ी कंपनी बन सके।
उन्होंने कहा कि भारत में स्टार्ट-अप केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है बल्कि नये उभरते 40 प्रतिशत स्टार्ट-अप देश के दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों से सामने आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में केवल चार स्टार्ट-अप ही यूनिकॉर्न क्लब में शामिल थे लेकिन आज 30 से अधिक भारतीय स्टार्ट-अप यूनिकॉर्न क्लब के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि 2020 में ही 11 भारतीय स्टार्ट-अप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुये हैं। इसके साथ ही भारत स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी वाला तीसरा बड़ा देश बन गया है। देश में इस समय 41,000 से अधिक स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर स्टार्ट-अप ऐसे भी है जिनमें महिलायें मुख्य भूमिका में हैं। देश में 2020 में कोरोना महामारी के दौरान कई स्टार्ट-अप शुरू हुये हैं। स्टार्ट-अप ने एक ही परिपाटी पर चलते रहने की सोच को बदला है। उन्होंने हर क्षेत्र में विविधता लाने की पहल की है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर बिमस्टेक (बे आफ बंगाल इनिशिएटिव ऑफ मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकनॉमिक को-ऑपरेशन) देशों के स्टार्ट-अप से उनकी उपलब्धियों को सुना। देश के अंदर से जहां चेन्नई, एर्नाकुलम, भोपाल, गाजियाबाद, सोनीपत और दिल्ली के नये उद्यमियों ने उन्हें अपने कारोबार के बारे में बताया, वहीं मोदी ने बांग्लादेश, भूटान, म्यामां, नेपाल और थाइलैंड के स्टार्ट-अप उद्यमियों की उपलब्धियों के बारे में भी सुना और उन्हें सराहा।



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