Edited By PTI News Agency,Updated: 27 Jan, 2021 06:04 PM
नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि व्यवसायी दीपक पुरी को अपने मुंह के कैंसर के इलाज के लिए अमेरिका जाने संबंधी किसी आकस्मिक चिकित्सा सुविधा की जरूरत नहीं है।
नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि व्यवसायी दीपक पुरी को अपने मुंह के कैंसर के इलाज के लिए अमेरिका जाने संबंधी किसी आकस्मिक चिकित्सा सुविधा की जरूरत नहीं है।
पुरी को उनके बेटे रातुल पुरी के साथ बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपित किया गया है।
सीबीआई ने अगस्त 2019 में रातुल पुरी, उनके पिता दीपक पुरी, मां नीता और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने यह मुकदमा 354 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में उनकी कंपनी मोजर बियर और उसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज कराया था।
बैंक का दावा है कि मोजर बियर और उसके निदेशकों ने, जिसमें रातुल पुरी भी हैं, कथित तौर पर जाली दस्तावेज देकर बैंक से कर्ज लिये।
जांच एजेंसी ने बुधवार को एक भारतीय डॉक्टर की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि दीपक पुरी का इलाज भारत के अस्पतालों में भी किया जा सकता है और वह भारत में जरूरी इलाज करवा सकते हैं।
हालांकि, पुरी के वकील ने कहा कि उन्हें आगे की जांच के लिए अमेरिका जाना आवश्यक है क्योंकि उन्होंने पहले भी मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर से इलाज कराया है।
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने सीबीआई और व्यवसायी के वकील की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा। इससे पहले निचली अदालत ने 80 वर्षीय दीपक पुरी और उनकी पत्नी को दो महीने के लिए अमेरिका यात्रा करने की अनुमति दी थी, जिसे सीबीआई ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
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