Edited By PTI News Agency,Updated: 20 Apr, 2021 08:31 PM
नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मंगलवार को कहा कि किसानों द्वारा सतत और टिकाऊ कृषि गतिविधियां को अपनाने से उनके लिये न केवल बेहतर आय सुनिश्चित होगी बल्कि उसका व्यापक स्तर पर पर्यावरण संबंधी लाभ भी होगा।
नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मंगलवार को कहा कि किसानों द्वारा सतत और टिकाऊ कृषि गतिविधियां को अपनाने से उनके लिये न केवल बेहतर आय सुनिश्चित होगी बल्कि उसका व्यापक स्तर पर पर्यावरण संबंधी लाभ भी होगा।
‘काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट एंड वाटर’ के एक अध्ययन को डिजिटल तरीके से जारी करते हुए कुमार ने यह भी कहा कि भारत को मौजूदा कृषि गतिविधियों पर पुनर्विचार की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें मौजूदा कृषि गतिविधियों पर पुनर्विचार की जरूरत है। हमारा जोर भारत में सतत कृषि खासकर प्राकृतिक खेती-बाड़ी को बढ़ावा देने पर है। इससे छोटे एवं सीमांत किसानों को लाभ होगा।’’
कुमार ने कहा कि यह देश के सूखे वाले क्षेत्रों के लिये भी उपयुक्त है क्योंकि इसमें कम पानी की जरूरत पड़ती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ सतत और टिकाऊ कृषि गतिविधियां अपनाने से उनके लिये न केवल बेहतर आय सुनिश्चित होगी बल्कि उसका व्यापक स्तर पर पर्यावरण संबंधी लाभ भी होगा।’’
अध्ययन के अनुसार 4 प्रतिशत से भी कम किसान ने सतत कृषि गतिविधियों और व्यवस्था को अपनाया है।
इसमें कहा गया है कि जैविक खेती फिलहाल केवल 28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में होती है। यह देश के कुल बुवाई क्षेत्र यानी खेती लायक 14 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र का केवल 2 प्रतिशत है।
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