विदेशों में तेजी के रुख, मांग बढ़ने से विभिन्न खाद्य तेल तिलहन के भाव में सुधार

Edited By PTI News Agency,Updated: 04 Aug, 2021 07:52 PM

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नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) विदेशों में तेजी के रुख के बीच मांग बढ़ने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सरसों दाना सहित अधिकांश तेल-तिलहनों में के भाव में तेजी रही।

नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) विदेशों में तेजी के रुख के बीच मांग बढ़ने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सरसों दाना सहित अधिकांश तेल-तिलहनों में के भाव में तेजी रही।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 3.5 प्रतिशत की बढ़त रही जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में आधा प्रतिशत की तेजी रही। मलेशिया एक्सचेंज में तेजी की वजह से कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला तेल के भाव पर्याप्त सुधार के साथ बंद हुए। विदेशों की इस तेजी का असर सोयाबीन पर भी दिखा जिनके तेल तिलहन के भाव लाभ में रहे।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लातूर कीर्ति में सोयाबीन दाना का प्लांट डिलीवरी का भाव कल के 10,000 रुपये से बढ़कर 10,500 रुपये क्विन्टल कर दिया गया। जिसमें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अलग से देय है। इसके अलावा सोयाबीन के तेल रहित खल की मांग होने से भी इसके तेल तिलहन के भाव सुधार आया।

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में तेजी की वजह से सीपीओ का भाव कल के 1,190 डॉलर से बढ़ाकर 1,210 डॉलर प्रति टन कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार के आयात शुल्क कम करने का लाभ देश के उपभोक्ताओं को न मिलकर मलेशिया को हुआ जहां सीपीओ के दाम में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई।

उन्होंने कहा कि खाद्य तेल की कमी को तो विभिन्न तेलों के आयात से पूरा किया जा सकता है मगर पशु चारे और मुर्गीदाने के लिए तेल रहित खल (डीओसी) की मांग को किसी भी तरह से पूरा करना मुश्किल है। इसके लिए तिलहन उत्पादन बढ़ाना ही एक विकल्प है और इसके लिए किसानों को विश्वास में लेकर उन्हें तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना आवश्यक है। उचित समय पर किसानों को सही दाम मिलने से वे तिलहन खेती बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।

सरसों की मांग बढ़ने के बीच सलोनी, आगरा और कोटा में सरसों दाना के भाव 8,300 रुपये से बढ़ाकर 8,450 रुपये क्विन्टल कर दिये गये। इसका असर सरसों तेल तिलहन कीमतों पर दिखा जिनके दामों में सुधार आया।

उन्होंने कहा कि सरकार को खाद्य तेलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता खत्म करनी होगी और तेल-तिलहनों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने की ओर विशेष ध्यान देना होगा। यह कदम लंबे समय में देश के हित में साबित होगा। खाद्य तेलों के आयात के लिए सालाना लगभग एक लाख करोड़ रुपये से अधिक विदेशी मुद्रा खर्च की जाती है।
बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन - 7,900 - 7,950 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली - 6,295 - 6,440 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,250 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,195 - 2,325 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,545 -2,595 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,630 - 2,740 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,100 - 17,600 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,030 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,960 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,650 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,650 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,350 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,400 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,300 (बिना जीएसटी के)
सोयाबीन दाना 10,000 - 10,025, सोयाबीन लूज 9,725 - 9,825 रुपये
मक्का खल (सरिस्का) 3,800 रुपये

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