राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में रिक्तियां नहीं भरने पर शीर्ष न्यायालय ने जताई नाराजगी

Edited By PTI News Agency,Updated: 11 Aug, 2021 07:58 PM

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नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) में रिक्तियों को नहीं भरने को लेकर बुधवार को केंद्र से नाराजगी जताई। साथ ही, शीर्ष न्यायालय ने कहा कि ‘जब आप आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर सकते हैं,...

नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) में रिक्तियों को नहीं भरने को लेकर बुधवार को केंद्र से नाराजगी जताई। साथ ही, शीर्ष न्यायालय ने कहा कि ‘जब आप आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर सकते हैं, तो आप उम्मीद नहीं बढ़ाएं।’’
न्यायालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आठ हफ्तों के अंदर रिक्तियां भरने का भी निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति रिषीकेश रॉय की पीठ ने सरकार द्वारा सिर्फ चार रिक्तियों को भरने का जिक्र करने के बाद केंद्र को शेष तीन रिक्तियां भरने के लिए आठ हफ्तों का वक्त भी दिया।

पीठ ने केंद्र को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 का चार हफ्तों के अंदर विधायी प्रभाव अध्ययन करने का निर्देश देते हुए कहा कि सरकार हमेशा कानून बनाने की हड़बड़ी में रहती है लेकिन उसका लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन नहीं करती।
शीर्ष न्यायालय ने जिला एवं राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों के अध्यक्ष और सदस्य/कर्मचारी की नियुक्तियां करने में सरकार की निष्क्रियता और देश भर में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे पर एक स्वत: संज्ञान वाले मामले की सुनवाई करते हुए यह कहा।
केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरक्त सॉलीसीटर जनरल अमन लेखी ने कहा कि नियुक्तियों की शर्तें हाल ही में पारित कानून अधिकरण सुधार अधिनियम,2021 के मुताबिक होगी।
इस पर पीठ ने कहा, ‘‘यदि आप छह में से चार की नियुक्ति कर सकते हैं तो तीन और क्यों नहीं क्योंकि एनसीडीआरसी में एक और सदस्य की सेवानिवृत्ति से एक और रिक्ति पैदा हुई है। जब किसी को कुछ करने की इच्छा होती है तो ऐसा कोई भ्रम नहीं होता है। ’’
लेखी ने कहा कि वह रिक्तियों को तेजी से भरना सुनिश्चित करने के लिए संबद्ध प्राधिकार को मनाने के लिए अपने कार्यालय का उपयोग करेंगे।
पीठ ने कहा, ‘‘इससे पहले भी आपने हमसे कहा था कि एनसीडीआरसी की सभी रिक्तियां भर दी जाएंगी लेकिन आपने इसे नहीं भरा। जब आप आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर सकते हैं तो उम्मीदें नहीं बढ़ाएं। (उपभोक्ता फोरम)मंच में रिक्तियां होने के चलते उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण नहीं हो पा रहा है। ’’
सुनवाई की शुरूआत में शीर्ष न्यायालय ने उपभोक्ता मंचों में रिक्तियों के बारे में स्थिति रिपोर्ट और हलफनामे समय पर दाखिल नहीं करने को लेकर राज्य सरकारों को फटकार लगाई और चेतावनी दी कि वह संबद्ध राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब करेगा।
पीठ ने कहा कि मामले में न्याय मित्र के तौर पर न्यायालय की सहायता कर रहे अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ राज्यों ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत नियमों को अधिसूचित नहीं किया है।
पीठ ने कहा, ‘‘राज्य अब भी नियमों को अधिसूचित करने में टाल-मटोल कर रहे हैं। यदि दो हफ्तों के अंदर नियम अधिसूचित नहीं किये गये तो केंद्र द्वारा निर्मित मॉडल नियम उन राज्यों में स्वत: ही लागू हो जाएंगे। ’’
न्यायालय ने कहा कि उपभोक्ता मंचों में बड़ी संख्या में रिक्तियों के मद्देनजर यह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी मौजूदा एवं संभावित रिक्तियों का विज्ञापन, यदि जारी नहीं किया गया है तो, दो हफ्तों के अंदर जारी करने का निर्देश देता है।
पीठ ने चार हफ्तों के अंदर उन्हें चयन समितियां गठित करने का भी निर्देश दिया।


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