कोविड-19: भारत की टीकाकरण मुहिम ने किया 100 करोड़ खुराक का आंकड़ा पार

Edited By Updated: 21 Oct, 2021 06:53 PM

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नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) भारत में कोविड-19 टीकों की अब तक दी गई खुराकों की संख्या बृहस्पतिवार को 100 करोड़ के पार चली गई और इसी के साथ देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ अपने टीकाकरण कार्यक्रम में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की।

नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) भारत में कोविड-19 टीकों की अब तक दी गई खुराकों की संख्या बृहस्पतिवार को 100 करोड़ के पार चली गई और इसी के साथ देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ अपने टीकाकरण कार्यक्रम में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोविड-19 रोधी टीकों की अब तक दी गई खुराक की संख्या 100 करोड़ के पार होने पर कहा कि भारत ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने टीकाकरण की इस उपलब्धि को भारतीय विज्ञान, उद्यमों और 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक भावना की जीत करार दिया।

इस उपलब्धि को हासिल करने के मौके पर प्रधानमंत्री राम मनोहर लोहिया अस्पताल भी पहुंचे। उन्होंने वहां अस्पताल के अधिकारियों, कर्मियों और कुछ लाभार्थियों के साथ बातचीत की। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी उनके साथ मौजूद थे।

मांडविया ने एक ट्वीट करके देश को यह उपलब्धि हासिल करने पर बधाई दी और कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व का परिणाम है।

वहीं, 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाने पर बृहस्पतिवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक तेद्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वैज्ञानिकों, स्वास्थ्यकर्मियों और भारत के लोगों को कोविड-19 से संवेदनशील आबादी की रक्षा करने और टीकों के समतामूलक वितरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों के लिए बधाई।’’
इस मौके पर बृहस्पतिवार को कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को एक गीत और एक फिल्म जारी की, जिसमें दुनिया के सबसे बड़े कोविड टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत करने के पीछे के प्रयासों को दर्शाया गया है। इस गीत को कैलाश खेर ने गाया है। दृश्य-श्रव्य फिल्म में दिखाया गया है कि टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया कैसे शुरू हुई और कितनी मेहनत एवं प्रयासों के कारण दुनिया का सबसे बड़ा कोविड टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हुआ। इस फिल्म के माध्यम से टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने वाले चिकित्सकों, नर्सों और अन्य लोगों को धन्यवाद भी दिया गया है।

मांडविया ने लाल किले पर गीत और फिल्म जारी की। लाल किले पर देश का सबसे बड़ा खादी तिरंगा प्रदर्शित किया गया है, जिसका वजन करीब 1,400 किलोग्राम है। इस तिरंगे की लंबाई 225 फुट और चौड़ाई 150 फुट है। यही तिरंगा दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर लेह में फहराया गया था।

उधर, स्पाइसजेट ने 100 करोड़ खुराक की उपलब्धि हासिल होने पर बृहस्पतिवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर अपने विमान को विशेष तौर पर सजाया जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ ही स्पाइसजेट के बोइंग-737 विमान की भी तस्वीर है। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मांडविया भी मौजूद रहे।
केंद्र सरकार के कई अस्पतालों पर बैनर लगाए गए और इस खास अवसर पर टीका लगवाने आए लोगों और अस्पताल कर्मियों को नाश्ता भी दिया गया।

देश में कोविड-19 रोधी टीकों की अब तक दी गई खुराक की संख्या 100 करोड़ के पार जाने के मौके पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) राष्ट्रीय ध्वज के रंगों से अपने 100 विरासत स्मारकों को रोशन करेगा। अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों, वैज्ञानिकों, टीका बनाने वालों और देश के नागरिकों को सम्मान देने के लिए ऐसा किया जा रहा है, जिन्होंने वैश्विक महामारी का हिम्मत से सामना किया।

दक्षिण-पूर्व एशिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने इस उपलब्धि के लिए देश को बधाई देते हुए कहा कि यह मजबूत राजनीतिक नेतृत्व के बिना संभव नहीं था।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत को एक और मील का पत्थर स्थापित करने - कोविड-19 की एक अरब खुराक देने- के लिए बहुत-बहुत बधाई। मजबूत नेतृत्व, अंतर-क्षेत्रीय समन्वय, स्वास्थ्य एवं अग्रिम मोर्चे के संपूर्ण कार्यबल के और खुद लोगों के समर्पित प्रयासों के बिना इतने कम समय में यह असाधारण उपलब्धि हासिल करना संभव नहीं था।’’
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, देश में टीकाकरण के पात्र वयस्कों में से करीब 75 प्रतिशत लोगों को कम से कम एक खुराक लग चुकी है, जबकि करीब 31 प्रतिशत लोगों को टीके की दोनों खुराक लग चुकी हैं।

देश में टीकों की सर्वाधिक खुराक देने वाले शीर्ष पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात और मध्य प्रदेश शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) भारत ने भी यह उपलब्धि हासिल करने के लिए सरकार को बधाई दी और टीकाकरण की गति हालिया महीनों में तेज करने के भारत के प्रयासों का स्वागत किया।

यूनिसेफ भारत ने कहा, ‘‘भारत जैसे विशाल और विविध देश में एक साल से कम समय में एक अरब खुराक देने में साजो-सामान संबंधी जटिलताओं के मद्देनजर यह उपलब्धि शानदार है। जब भारतीय परिवार कोविड-19 की हालिया विनाशकारी लहर से उबर रहे हैं, ऐसे में कई लोगों के लिए इस उपलब्धि का अर्थ उम्मीद है।’’
उसने कहा, ‘‘हमने पिछले कुछ महीनों में स्वास्थ्य कर्मियों को देश के हर हिस्से में टीकाकरण में तेजी लाने के लिए चौबीसों घंटे काम करते देखा है। कई कर्मियों ने लोगों को टीका लगाने के लिए सबसे दूरस्थ और दुर्गम इलाकों में यात्रा की। हम इन स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत को सलाम करते हैं। उनके और वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, टीका निर्माताओं, नीति निर्माताओं और स्वास्थ्य प्रबंधकों के समर्पण के बिना हम इस मील के पत्थर को हासिल नहीं कर पाते।’’
मांडविया ने बुधवार को टीकाकरण के लिए पात्र लोगों से बिना देरी किए टीका लगवाने और भारत की ऐतिहासिक टीकाकरण यात्रा में योगदान देने की अपील की थी।

एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जब जनवरी में कोविड टीकाकरण अभियान शुरू हुआ तो बहुत से लोगों को इसकी सफलता को लेकर संदेह हुआ, हालांकि ''नौ महीने से भी कम समय में हमने 100 करोड़ खुराक देने का लक्ष्य हासिल कर लिया। यह भारत के लिए गर्व का दिन है।''
वहीं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और को-विन पोर्टल के प्रमुख डॉ आर एस शर्मा ने कहा कि 100 करोड़ से अधिक खुराक लगाने में को-विन पोर्टल की भी अहम भूमिका रही।

शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि भारत ने एक साल से भी कम समय में पूरे यूरोपीय क्षेत्र में रहने वाली आबादी से भी अधिक लोगों का टीकाकरण करने में सफलता पायी है।

इस बीच, कोविड कार्य बल के प्रमुख वी के पॉल ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है और यह भारत में बने टीकों के जरिए हासिल की गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज, भारत ने एक अहम मुकाम हासिल किया है। हमारे देश में लोगों को कोविड-19 टीके की सौ करोड़ खुराक, यानी एक अरब खुराक दी जा चुकी है।’’
पॉल ने कहा, ‘‘इससे भी अधिक उल्लेखनीय बात यह है कि यह भारत में निर्मित टीकों के सहारे हासिल की गई उपलब्धि है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन लोगों को टीके की पहली खुराक मिली है, वे दूसरी खुराक लें। दूसरी खुराक के बिना, टीकाकरण पूरा नहीं होता, इसका मतलब है कि आप पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं।"
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में टीकाकरण मुहिम शुरू होने के 85 दिन बाद तक 10 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी थीं, इसके 45 और दिन बाद भारत ने 20 करोड़ का आंकड़ा छुआ और उसके 29 दिन बाद यह संख्या 30 करोड़ पहुंच गई।

देश को 30 करोड़ से 40 करोड़ तक पहुंचने में 24 दिन लगे और इसके 20 और दिन बाद छह अगस्त को देश में टीकों की दी गई खुराकों की संख्या बढ़कर 50 करोड़ पहुंच गई। इसके बाद उसे 100 करोड़ के आंकड़े तक पहुंचने में 76 दिन लगे।

टीकाकरण मुहिम की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी और इसके पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए थे। इसके बाद दो फरवरी से अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण आरंभ हुआ था। टीकाकरण मुहिम का अगला चरण एक मार्च से आरंभ हुआ, जिसमें 60 साल से अधिक आयु के सभी लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके लगाने शुरू किए गए।

देश में 45 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण एक अप्रैल से आरंभ हुआ था और 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण एक मई से शुरू हुआ।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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