उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से पूछा: नए इहबास निदेशक के लिए भर्ती प्रक्रिया क्यों रोकी

Edited By PTI News Agency,Updated: 23 Nov, 2021 11:11 PM

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नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी सरकार को यह जवाब देने का निर्देश दिया कि उसने ‘मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान’ (इहबास) के नए निदेशक की भर्ती प्रक्रिया क्यों रोक दी है।

नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी सरकार को यह जवाब देने का निर्देश दिया कि उसने ‘मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान’ (इहबास) के नए निदेशक की भर्ती प्रक्रिया क्यों रोक दी है।

अदालत को सूचित किया गया कि नए निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया 30 नवंबर से पहले पूरी करने के आश्वासन के बावजूद वर्तमान निदेशक एन. जी. देसाई का कार्यकाल 18 अक्टूबर 2022 तक या 67 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक के लिए बढ़ा दिया गया है। अदालत इहबास के मौजूदा निदेशक के कार्यकाल विस्तार को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही था।

मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार का व्यवहार चालाकी से आगे निकलने जैसा है और यह अदालत की अवमानना की श्रेणी में आता है।
याचिकाकर्ता के वकील तेज बहादुर सिंह ने कहा कि प्रतिवादियों ने अदालत के उस आदेश की अवहेलना की है, जिसमें अधिकारियों को अनावश्यक देरी किये बिना चयन प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा गया था। साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारी को अदालत में तलब करने का अनुरोध भी किया।

यद्यपि दिल्ली सरकार के वकील ने निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा, इहबास के वकील ने कहा कि संबंधित अधिकारियों ने 2019 में ही एक प्रस्ताव पारित किया था कि संस्थान के निदेशक की सेवानिवृत्ति की आयु 67 वर्ष होगी।

पीठ ने मामले को 23 दिसम्बर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हुए कहा, “जवाब दाखिल करें कि आखिर प्रतिवादी द्वारा दिये गये आश्वासन के बावजूद नई भर्ती प्रक्रिया क्यों रुक गई है? यह (सितंबर में पारित) आदेश का उल्लंघन है। वह (दिल्ली सरकार) हमें दिखाएगी कि उस प्रक्रिया को क्यों रोका गया।’’
संस्थान के ही पूर्व कर्मचारी ने याचिका दायर करके देसाई के सेवा विस्तार को इस आधार पर चुनौती दी है कि उनकी आयु अक्टूबर 2020 में ही 65 साल हो गई और उन्हें उपराज्यपाल की मंजूरी के बगैर सेवा विस्तार नहीं दिया जा सकता।
याचिकाकर्ता ने इहबास के निदेशक के कार्यकाल विस्तार से संबंधित अक्टूबर 2020 का आदेश निरस्त करने और दिल्ली सरकार को उन्हें पद से मुक्त करने के निर्देश देने का अनुरोध किया है।

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