Edited By PTI News Agency,Updated: 19 Jun, 2022 03:47 PM
नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) कैप्टिव निजी नेटवर्क पर सरकार के फैसले से निराशा जताते हुए दूरसंचार उद्योग के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने व्यवस्थित वृद्धि के लिए समान अवसरों की मांग की है।
नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) कैप्टिव निजी नेटवर्क पर सरकार के फैसले से निराशा जताते हुए दूरसंचार उद्योग के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने व्यवस्थित वृद्धि के लिए समान अवसरों की मांग की है।
सीओएआई ने कहा कि समाधान प्रदाताओं को उसी दर से लाइसेंस शुल्क और जीएसटी का भुगतान करना चाहिए, जो दरें दूरसंचार परिचालकों पर लागू होती है। दूरसंचार कंपनियां ये भुगतान उपभोक्ताओं द्वारा देय राशि पर करती हैं।
उन्होंने कहा कि ये कैप्टिव नेटवर्क (खुद के इस्तेमाल) वास्तविक अर्थों में निजी होने चाहिए और उन्हें सुरक्षा मानदंडों का पालन करना चाहिए।
सीओएआई ने दूरसंचार विभाग को लिखे एक पत्र में तर्क दिया कि चूंकि प्रत्यक्ष स्पेक्ट्रम आवंटन के जरिये कैप्टिव नेटवर्क को सक्षम करने का निर्णय लिया गया है, इसलिए सरकार को अब ऐसे गैर-सार्वजनिक नेटवर्क के दायरे को विशिष्ट परिसर के अंदर ‘मशीन से मशीन’ संचार तक सीमित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसे नेटवर्कों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सार्वजनिक नेटवर्क में कोई हस्तक्षेप न करें।
सीओएआई ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिये से इन नेटवर्क को निर्धारित ग्राहक सत्यापन मानदंडों का पालन करना चाहिए, ताकि प्रत्येक उपयोगकर्ता का पर्याप्त सत्यापन हो।
सीओएआई ने कहा कि अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर ऑडिट किया जाना चाहिए। सीओएआई के सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया शामिल हैं।
इससे पहले सीओएआई ने संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे एक पत्र में कहा था कि अगर स्वतंत्र संस्थाओं को दूरसंचार विभाग द्वारा सीधे 5जी स्पेक्ट्रम आवंटन के साथ निजी कैप्टिव नेटवर्क स्थापित करने की अनुमति दी जाती है, तो इससे टीएसपी (दूरसंचार सेवा प्रदाताओं) की कारोबारी संभावनाएं गंभीर रूप से प्रभावित होंगी।
कैप्टिव नेटवर्क से आशय कंपनियों के ऐसे दूरसंचार नेटवर्क से है, जो उनके निजी उपयोग लिए हो।
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