सीपीओ, पामोलीन जैसे आयात किये जाने वाले तेलों की कीमतों में गिरावट

Edited By PTI News Agency,Updated: 30 Jun, 2022 08:41 PM

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नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) विदेशों में तेल-तिलहन बाजार टूटने के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को देशी तेलों के भाव पूर्वस्तर पर रहे या उसमें सुधार हुआ जबकि कच्चे पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल जैसे आयात किये जाने वाले तेलों के भाव...

नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) विदेशों में तेल-तिलहन बाजार टूटने के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को देशी तेलों के भाव पूर्वस्तर पर रहे या उसमें सुधार हुआ जबकि कच्चे पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल जैसे आयात किये जाने वाले तेलों के भाव में गिरावट देखने को मिली।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सरकार ने बृहस्पतिवार को आयात शुल्क मूल्य में कमी की है। सरकार ने सीपीओ पर आयात शुल्क मूल्य में 95 रुपये प्रति क्विंटल, पामोलीन में 237 रुपये और सोयाबीन डीगम में 112 रुपये प्रति क्विंटल की कमी की है। इसके अलावा सरकार ने खाद्य तेलों के शुल्क मुक्त आयात के लिए अधिकारियों को परमिट जारी करने का निर्देश भी दिया है। जिसके बाद रिफाइनिंग उद्योग एक वर्ष में दो लाख टन खाद्य तेलों का शुल्क मुक्त आयात कर सकेगा।

सूत्रों ने कहा कि बृहस्पतिवार को विदेशों में भी बाजार टूटे हैं। मलेशिया एक्सचेंज 1.5 प्रतिशत टूटा जबकि शिकॉगो एक्सचेंज लगभग एक प्रतिशत टूटा है। विदेशी बाजारों में गिरावट आने के बीच सीपीओ और पामोलीन तेल के अलावा सोयाबीन दिल्ली एवं सोयाबीन इंदौर के भाव में भी गिरावट आई। सोयाबीन डीगम तेल का भाव पूर्वस्तर पर ही बंद हुआ। इसके अलावा बिनौला तेल, मूंगफली तेल-तिलहन, सरसों तेल के भाव भी पूर्वस्तर पर बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि सरसों के मामले में किसान सरसों दाना कम भाव में बेचने से बच रहे हैं। बाजार में सरसों दाने के भाव अधिक हैं जबकि सरसों तेल का भाव कमजोर है। सरसों तेल-तिलहन के भाव परस्पर बेपड़ता बैठने से सरसों तिलहन के भाव में गिरावट आई जबकि विदेशों में डीओसी की मांग होने और किसानों द्वारा नीचे भाव में बिक्री नहीं करने से सोयाबीन तिलहन (सोयाबीन दाना एवं लूज) के भाव तेजी दर्शाते बंद हुए।

सूत्रों ने कहा कि तिलहन उत्पादन बढ़ाने की एक स्पष्ट नीति और किसानों को प्रोत्साहन दिये जाने की जरूरत है, तभी हम तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल कर पायेंगे।

बृहस्पतिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 7,535-7,585 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,765 - 6,890 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,710 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,635 - 2,825 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,350 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,390-2,470 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,430-2,535 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,050 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,900 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 11,600 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,150 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,450 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 12,350 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 6,650-6,700 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज 6,450- 6,500 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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