धान की बुवाई अब तक 12.39 प्रतिशत कम: सरकारी आंकड़े

Edited By PTI News Agency,Updated: 12 Aug, 2022 10:01 PM

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नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) चालू खरीफ सत्र में धान की बुवाई अब तक 12.39 प्रतिशत घटकर 309.79 लाख हेक्टेयर रही है। इसका कारण विशेषकर झारखंड और पश्चिम बंगाल में बुवाई रकबे का कम रहना है। कृषि मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।

नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) चालू खरीफ सत्र में धान की बुवाई अब तक 12.39 प्रतिशत घटकर 309.79 लाख हेक्टेयर रही है। इसका कारण विशेषकर झारखंड और पश्चिम बंगाल में बुवाई रकबे का कम रहना है। कृषि मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।
मंत्रालय के अनुसार धान के अलावा दलहन और तिलहन की बुवाई का रकबा भी इस खरीफ (गर्मी) सत्र में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अभी कम है।
धान मुख्य खरीफ फसल है, जिसकी बुवाई जून से दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है। देश के कुल उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत भाग इसी मौसम से आता है।
मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा खरीफ सत्र में 12 अगस्त तक धान की बुवाई का रकबा 309.79 लाख हेक्टेयर था, जो एक साल पहले की समान अवधि में 353.62 लाख हेक्टेयर था।
झारखंड में इस सत्र में अब तक केवल 3.88 लाख हेक्टेयर में धान बोया गया है, जो रकबा एक साल पहले इसी अवधि में 15.25 लाख हेक्टेयर था।
इसी तरह, पश्चिम बंगाल में भी धान की बुवाई कम यानी 24.3 लाख हेक्टेयर में ही हुई, जो पिछले साल 35.53 लाख हेक्टेयर में हुई थी।
आंकड़ों के अनुसार उक्त अवधि में मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, त्रिपुरा, मेघालय, उत्तराखंड, कर्नाटक, गोवा, सिक्किम और मिजोरम में भी धान की बुवाई कम हुई है।
इस खरीफ सत्र में अब तक दलहन और तिलहन बुवाई के रकबे में मामूली गिरावट आई है।
चालू सत्र में 12 अगस्त तक दलहन की बुवाई का रकबा 122.11 लाख हेक्टेयर है, जो एक साल पहले इसी अवधि में 127.22 लाख हेक्टेयर था।
इसी अवधि के दौरान पिछले साल के 47.55 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अरहर की खेती घटकर 42 लाख हेक्टेयर रह गई है।
इस खरीफ सत्र में तिलहन बुवाई के रकबे में भी कमी आई है। चालू खरीफ सत्र में अब तक 180.43 लाख हेक्टेयर में तिलहन बुवाई हुई है जो पिछले साल 181.83 लाख हेक्टेयर था। यह गिरावट मुख्य रूप से मूंगफली की बुवाई कम होने के कारण हुई है।
हालांकि, इस खरीफ सत्र में अब तक मोटे-सह-पोषक अनाज की बुवाई 166.43 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि के 161.33 लाख हेक्टेयर के रकबे से थोड़ा अधिक है।
नकदी फसलों में, गन्ने का रकबा 54.52 लाख हेक्टेयर के मुकाबले बढ़कर 55.20 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि कपास खेती का रकबा पहले के 116.15 लाख हेक्टेयर के मुकाबले बढ़कर 123.09 लाख हेक्टेयर हो गया।
आंकड़ों से पता चलता है कि जूट/मेस्टा का रकबा एक साल पहले की तुलना में 6.94 लाख हेक्टेयर पर लगभग अपरिवर्तित रहा।
इस साल 12 अगस्त तक सभी खरीफ फसलों का बुवाई रकबा 37.63 लाख हेक्टेयर घटकर 963.99 लाख हेक्टेयर रह गया।
मौसम विभाग के अनुसार, इस साल एक जून से 10 अगस्त के बीच देश में कुल मिलाकर दक्षिण-पश्चिम मानसून की 8 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, लेकिन पूर्वी और पूर्वोत्तर हिस्सों में 16 प्रतिशत कम बारिश हुई है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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