Edited By PTI News Agency,Updated: 29 Nov, 2022 08:57 PM
नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) सरकार ने मंगलवार को टूटे चावल सहित जैविक गैर-बासमती चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटा लिया है। सरकार के इस कदम से इस जिंस के निर्यात की खेप को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) सरकार ने मंगलवार को टूटे चावल सहित जैविक गैर-बासमती चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटा लिया है। सरकार के इस कदम से इस जिंस के निर्यात की खेप को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से सितंबर की शुरुआत में टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इसके बाद गैर-बासमती चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत का शुल्क लगाया गया, जिसका उद्देश्य खुदरा बाजारों में कीमतों के बढ़ने के बाद इनकी घरेलू आपूर्ति को बढ़ाना था।
एक अधिसूचना में, विदेश व्यापार महानिदेशालय ने मंगलवार को कहा कि जैविक गैर-बासमती टूटे चावल सहित जैविक गैर-बासमती चावल का निर्यात अब सितंबर में लागू प्रतिबंध से पहले के नियमों द्वारा प्रशासित होगा।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान चावल का निर्यात 5.5 अरब डॉलर का रहा। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 में यह 9.7 अरब डॉलर का हुआ था।
अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ के पूर्व अध्यक्ष विजय सेतिया ने कहा, ‘‘भारत सालाना लगभग 10,000-15,000 टन जैविक चावल (बासमती और गैर-बासमती) का निर्यात करता है। पिछले 4-5 वर्षों में जैविक बासमती और गैर-बासमती चावल का निर्यात तेजी से बढ़ रहा था और सरकार ने इस प्रतिबंध को हटाकर सही कदम उठाया है।’’
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के प्रबंध निदेशक, अशोक के के मीणा ने 23 नवंबर को कहा था कि सरकार नियमित रूप से आवश्यक वस्तुओं के मूल्य परिदृश्य की निगरानी कर रही है और आवश्यकतानुसार सुधारात्मक उपाय कर रही है।
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