ज्योतिष की राय: ग्रहों की चाल देती है चांदी में तेजी-मंदी के संकेत

Edited By ,Updated: 03 Oct, 2016 12:52 PM

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बहुमूल्य धातु सोना और चांदी में अचानक बहुत तेजी आ जाती है या यह सस्ती हो जाती है। ऐसा क्यों होता है? इसके लिए ज्योतिष

बहुमूल्य धातु सोना और चांदी में अचानक बहुत तेजी आ जाती है या यह सस्ती हो जाती है। ऐसा क्यों होता है? इसके लिए ज्योतिष में कुछ ग्रहों को कारक माना जाता है। चांदी में तेजी या मंदी निम्र ग्रह योगों के होने पर भी बन सकती है-

तेजी के योग
* बुध या गुरु के वक्री होने पर चांदी के भाव तेज होना संभव है।


* शुक्रवार, शनिवार का चंद्र दर्शन चांदी में तेजी करवा सकता है।


* शुभ ग्रह रहित पुष्प या धनिष्ठा नक्षत्र चांदी में तेजी का कारण बनते हैं।


* बुध-गुरु-शुक्र में से कोई भी ग्रह अस्त होने पर चांदी में तेजी होना संभव है।


* किसी महीने में पांच बुधवार होने पर चांदी में उतार-चढ़ाव आकर तेजी होना संभव है।


* शुक्लपक्ष की पंचमी मंगलवारी हो तो चांदी में तेजी हो सकती है।


* सूर्य की संक्रांति के समय सूर्य चंद्र एक राशि पर आने से चांदी में तेजी आना संभव है।


* बुध, गुरु का उदय तथा पश्चिम का शुक्रास्त चांदी में तेजी लाता है।


मंदी का योग
* मंगल अश्लेषा नक्षत्र के चौथे चरण पर आए तो यह चांदी में मंदी का संकेत है।


* सोमवारी अमावस्या चांदी को मंदी करती है।


* शनि के मार्गी या वक्री होने पर चांदी में मंदी आ सकती है।


* शुक्र का वक्री होकर अस्त होना चांदी में मंदी करा सकता है।


* बुध, शुक्र या बुध-चंद्र की युती चांदी में मंदी ला सकती है।


* शुक्लपक्ष 16 दिनों का हो तो चांदी में मंदी आती है।


* बुधवार के दिन चंद्र दर्शन चांदी में मंदी करता है।

    

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