तेजी से फैली उत्तराखण्ड में विकराल वनाग्नि की अफवाह, सीएम त्रिवेंद्र और वन महकमे ने जताई नाराजगी

Edited By Murari Sharan,Updated: 27 May, 2020 11:05 PM

rumors of huge fire in uttarakhand cm expressed displeasure

सोशल मीडिया में हैशटैग प्रे फार उत्तराखंड और हैशटैग उत्तराखंड वाइल्ड फायर के जरिए फैली एक अफवाह से उत्तराखण्ड में हड़कम्प मच गया। न्यूज पोर्टल, फेसबुक और ट्विटर के जरिए पुरानी तस्वीरों के आधार पर सूचना फैलाई गई कि...

नई दिल्ली/ डेस्क। सोशल मीडिया में हैशटैग प्रे फार उत्तराखंड और हैशटैग उत्तराखंड वाइल्ड फायर के जरिए फैली एक अफवाह से उत्तराखण्ड में हड़कम्प मच गया। न्यूज पोर्टल, फेसबुक और ट्विटर के जरिए पुरानी तस्वीरों के आधार पर सूचना फैलाई गई कि उत्तराखण्ड के जंगल भीषण आग से जल रहे हैं और आग से अब तक दो व्यक्तियों समेत दर्जनों वन्य जीवों की मौत हो चुकी है।
 

वन महकमे ने इन सूचनाओं को पूरी तरह झूठा और आधारहीन बताया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जंगलों के धूं-धूं कर जलने की खबर को बेबुनियाद बताया है। वन विभाग के मुखिया प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

 

मंगलवार की देर शाम को सोशल मीडिया में एक पोस्ट आई कि उत्तराखण्ड के जंगल बीते चार दिनों से आग से धधक रहे हैं। इस वनाग्नि में अब तक दो व्यक्तियों की मौत हो गई है और कई वन्यजीव भी आग की भेंट चढ़ चुके हैं। देखते ही देखते यह पोस्ट न्यूज पोर्टलए फेसबुक और ट्विटर के जरिए देश-विदेश में वायरल हो गई। पोस्ट में कुछ आग से जल रहे जंगलों की भयावह तस्वीरें भी शेयर की गईं थीं। देखते ही देखते पोस्ट को आधार मानते हुऐ चिंता में डूबे हजारों लोगों के कमेंट इस पर आने लगे।
 

उत्तराखण्ड में भी वन विभाग और शासन सकते में आ गया। मामला मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के संज्ञान में भी लाया गया। देरी किए बगैर शासन ने वन विभाग के मुखिया प्रमुख वन संरक्षक जयराज से पूरी जानकारी तलब की। विभाग की ओर से बताया गया कि मौजूदा समय में जंगलों में आग लगने की ऐसी कोई सूचना नहीं है। जो पोस्ट वायरल हुई है वो झूठी और बेबुनियाद है। फिर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी ट्वीट करके देश-विदेश की नामी हस्तियों से आग्रह किया कि इस भ्रामक पोस्ट को वॉयरल करने में हिस्सा न बनें। 


ये है स्थिति
वायरल पोस्ट में कहा गया है कि उत्तराखण्ड के जंगलों में लगी आग से अब तक 2800 हैक्टेअर वन क्षेत्र जल चुके हैं। जबकि मुख्य वन संरक्षक (वनाग्नि) वीके गांगटे का कहना है कि इस साल फायर सीजन में उत्तराखंड में पिछले सालों के मुकाबले बहुत कम घटनाएं हुई हैं। अब तक सिर्फ 88 घटनाओं में 110 हेक्टेयर जंगल को ही नुकसान हुआ है।


राज्य में नहीं होती क्राउन फायर
वन विभाग के मुखिया प्रमुख वन संरक्षक जयराज और महानिदेशक (लॉ एण्ड आर्डर) अशोक कुमार इस मामले में कानूनी कारवाई की चेतावनी दी है। जयराज ने कहा कि फ़ोटो में क्राउन फायर दिख रही है, जो यहां होती ही नहीं। ये कनाडा, आस्ट्रेलिया में होती है। अशोक कुमार का कहना है कि इस मामले में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।


वन्दना शिवा ने किया ट्वीट
उत्तराखण्ड में वनों के महत्व को देखते हुए महिलाओं ने चिपको आन्दोलन किया था। उन्हें पता था कि पेड़-पौधे हमे शुद्ध प्राण वायु प्रदान करने हैं। हमें जंगलों की रक्षा करनी चाहिए।

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