Edited By ,Updated: 03 Jul, 2015 10:36 AM
रसोईघर अर्थात किचन की आवश्यकता सभी घरों में होती है । इस कक्ष के बिना मकान की कल्पना तक नहीं की जा सकती । शारीरिक ऊर्जा को विकसित करने के लिए तथा अच्छे स्वास्थ्य के लिए रसोईघर मकान की किस दिशा में स्थित तथा किस ....
रसोईघर अर्थात किचन की आवश्यकता सभी घरों में होती है । इस कक्ष के बिना मकान की कल्पना तक नहीं की जा सकती । शारीरिक ऊर्जा को विकसित करने के लिए तथा अच्छे स्वास्थ्य के लिए रसोईघर मकान की किस दिशा में स्थित तथा किस दिशा में स्थित न हो इसका वर्णन वास्तुशास्त्र के आधार पर प्रस्तुत है । किचन के साथ संबंधित कुछ जानकारियां इस प्रकार हैं।
- रसोईघर में सामान रखने के लिए रैक आदि यूं तो चारों ओर की दीवारों पर बनाए जा सकते हैं परन्तु इन्हें दक्षिण एवं पश्चिमी दीवारों पर बनाना ही उत्तम होता है । केवल पूर्वी तथा उत्तरी दीवारों पर ही रैक नहीं बनवाना चाहिए ।
- किचन में कभी भी स्टोर रुम नहीं बनाना चाहिए एेसा करने से घर के गृहस्वामी को नौकरी संबंधित कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता हैं इसलिए किचन को किचन ही रहने दें तो बेहतर है और स्टोर रुम को अलग स्थान दें।
- किचन में उत्तर-पश्चिम की ओर बर्तन आदि रखने की अलमारी बनाई जा सकती है । स्लैब या गैस पट्टी के ऊपर विशेषकर चूल्हे के ऊपर कोई रैक या अलमारी नहीं बनानी चाहिए ।
-जिस घर में किचन और बाथरुम एक संधान में होते हैं वहां रहने वाले लोगों को जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और स्वास्थ्य संबंधित कई परेशानियां खड़ी हो जाती हैं।
- किचन के अंदर ही पूजा स्थल बनाना भी शुभ नहीं माना जाता ।
- घर के मुख्य द्वार के बिल्कुल सामने किचन नहीं बनाना चाहिए और जिस घर में किचन मुख्य द्वार से जुड़ा हुआ हो वहां शुरु में तो पति-पत्नी के मध्य बहुत प्रेम रहता है लेकिन बाद में आपस में मतभेद पैदा होने लगते हैं ।