बलात्कार के पीछे का सच

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jan, 2018 12:20 PM

truth behind rape

आजकल मीडिया बलात्कार की खबरों से भरा पड़ा रहता है । भारत में बलात्कार यानि की महिला की मर्ज़ी के बिना के संभोग । लेकिन विश्लेषण करने पर पता चलता है की ज़्यादातर बलात्कार झूठे होते है । समान्यतः कोई भी पुरुष बिना किसी महिला की सहमति के सेक्स नहीं कर...

आजकल मीडिया बलात्कार की खबरों से भरा पड़ा रहता है । भारत में बलात्कार यानि की महिला की मर्ज़ी के बिना के संभोग । लेकिन विश्लेषण करने पर पता चलता है की ज़्यादातर बलात्कार झूठे होते है । समान्यतः कोई भी पुरुष बिना किसी महिला की सहमति के सेक्स नहीं कर सकता। पर कभी कभी महिला अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए, पकड़े जाने पर, पकड़े जाने के डर, पैसो के लिए या संपति हथियाने के लिए सहमति के सेक्स को झूठे रेप केस बना देती है। बलात्कार कानून के हिसाब से महिला सच्ची, अबला और पवित्र मानी जाती है चाहे वो बिना शादी के सेक्स की वकालत करने वाली हो या खुलेआम जिस्म खरीदने बेचने वाली हों जबकि पुरुष को अत्याचारी और बलात्कारी माना जाता है। इस कानून के अनुसार पुरुष को अपनी बेगुनाही साबित करनी होती है । जबकि महिला का सिर्फ मोखिक कथन ही काफी है। 

 

महिला सुरक्षा कानून के अनुसार, आज़ादी कि जो परिभाषा बताई जा रही है उसका मतलब गलत सिद्ध होने लगा है । महिला को रातभर बाहर रहने की आज़ादी है शराब पीने की आजादी है कुछ भी करने की आजादी है । ऐसी ही आजादी का जिक्र दीपिका पादुकोण ने “My Choice” विडियो में किया था । कुछ लोग इसे बदली हुई संस्कृति तो कुछ फ़ैशन कहते है । ये आजादी और खुलापन एक दिन महिला की दिनचर्या बन जाती है । शादी के बाद यही महिला ससुराल को कैदखाना बताती हैं और अपने निजी स्वार्थ की वजह से ससुराल पक्ष के पुरुष पर बलात्कार का आरोप लगाने में जरा भी शर्म महसूस नहीं करती हैं । और इन सब की वजह से महिला अपनी आजादी अपना वजूद अपना सच आदि खत्म कर रही है । ये लेख आज़ादी के विरुद्ध नहीं है लेकिन बच्चे के हाथ में बंदूक देना आज़ादी नहीं गुनाह है ओर कुछ ऐसा ही बलात्कार कानून के साथ किया गया है ।


 
कुछ प्रमुख उदाहरण

दिमापुर नागालैंड में एक पुरुष को झूठे बलात्कार केस में सरेआम बेरहमी मार दिया गया । बड़ाऊँ उत्तर प्रदेश (दो बहनों) वाला केस झूठा निकला । मधुर भंडारकर और शायनी आहूजा आदि वाला केस झूठा निकला ।


 
बलात्कार का झूठा आरोप लगाने का प्रमुख कारण:

1. गर्भवती होने पर: इस महिला का मकसद अपनी पवित्रता सिद्ध करना होता है ।
2. पैसो के लिए: इस महिला का मकसद पैसा हड़पना होता है ।
3. बदला लेने के लिए: इस महिला का मकसद बर्बाद करना होता है चाहे वो कोई हो ।
4. जमीन जायदाद के लिए: इस महिला का मकसद जमीन जायदाद को हथियाना होता है।
5. अहंकार के लिए: इस महिला का मकसद अपनी बात को ऊपर रखना होता हैं ।
6. मानसिक समस्या: इस महिला का मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ होता है ।
7. वेवहिक समस्या: इस महिला का मकसद पति को बर्बाद या काबू करना होता है ।
8. नौकरी के लिए: इस महिला का मकसद बिना किसी योग्यता के नौकरी लेने से होता
है ।
9. प्रमोशन के लिए: इस महिला का मकसद बिना किसी योग्यता के प्रमोशन लेने से
होता है।
10. पत्नी बनने के लिए: इस महिला का मकसद पत्नी बनना होता हैं ।
11. जुर्म को छुपाने के लिए: इस महिला का मकसद जुर्म को छुपाना होता है ।
12. खून करने के लिए: इस महिला का मकसद खून करना होता है ।
13. परीक्षा में पास होने के लिए: इस महिला का मकसद पास होना होता है ।
14. चलती गाड़ी में बलात्कार: इस महिला का मकसद पैसा होता है ।
15. प्रेमिका की बात न मानो: इस महिला का मकसद मानसिक परेशान करना होता है।
6. लिफ्ट में बलात्कार: इस महिला का मकसद पैसा होता है ।
17. आजकल तो कुछ लड़कियां अपने भाई और बाप पर तक बलात्कार का इल्ज़ाम लगने लगी है ।

 

बलात्कार के झूठे केस से पुरुष कैसे बच सकते हैः

1. उस महिला से संबंध न रखे जो शादीशुदा हो ।
2. उस महिला से संबंध न रखे जो पति से अलग रहती हो ।
3. उस महिला से संबंध न रखे जो तलाक़शुदा हो ।
4. उस महिला से संबंध न रखे जो किसी की प्रेमिका हो ।
5. उस महिला से संबंध न रखे जो अकेली रहती हो 
6. उस महिला से संबंध न रखे जो नाबालिग हो |
7. उस महिला से संबंध न रखे जो अपने परिवार के दवाब में हो |
8. उस महिला से संबंध न रखे जो उम्र में काफी छोटी हो या काफी तेज़ तर्रार हो |
9. उस महिला से संबंध न रखे जो आपसे उम्र में काफी बड़ी हो |
10. कभी भी अकेली महिला को कमरा किराए पर न दे और न ले |
11. कभी भी अकेली महिला को ट्यूशन न पढ़ाए और न ही उससे पढ़े |
12. कभी भी अकेली महिला को लिफ्ट न दे और न ले |
13. कभी भी अकेली महिला को नौकरी के लिए साक्षात्कार दे और न ले |

 

पुरुषों का दर्द और वेदना और उनके प्रति नकारात्मक मानसिकताः

महिला की झूठी शिकायत पर पुरुष को बलात्कारी बना दिया जाता है । महिला सच बोलती है या झूठ कोई जांच नहीं की जाती । महिला का नाम व पहचान छुपाई जाती है व उसे सुरक्षा और हितकारी राशि मिलती है और उसके आरोप को सच माना जाता है । पुरुष को जेल हो जाती है उसे जमानत नहीं मिलती, उसका कैरियर खत्‍म हो जाता है, समाज में बेवजह बदनाम हो जाता है । रिश्तेदार, दोस्त और पड़ोसी संबंध खतम करने लगते है। सारा समाज उस पुरुष से और उसके परिवार से नफरत करने लगता है। पुरुष का और उसके परिवार का मानसिक सामाजिक आर्थिक शारीरिक आदि रूप से बलात्कार हो जाता है। । हर महिला अपने बाप / भाई / बेटे को बलात्कारी नहीं मानती बाकी सब उसकी नज़र में बलात्कारी है। और अगर आरोप झूठा निकलता है तो भी महिला को कोई सजा नहीं होती । अगर ऐसे ही कानून बनते रहे तो पुरुष बलात्कार कानून के शिकार बनते रहेंगें । मीडिया को ऐसी खबरे बहुत भाती है वो बिना सोचे समझे उस खबर को दिखा देते है और ये भी नहीं सोचते की सच क्या है ।

 

नया बलात्कार कानूनः

16 दिसम्बर 2012 के बाद सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस जे एस वर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया जिनहोने एक नया बलात्कार कानून तैयार किया । इस विधेयक के जरिए भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम तथा यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम में संशोधन किए गए हैं। जिसे ‘आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2013’ के नाम से जाना जाता है । इस कानून में बलात्कार के अलावा एसिड अटैक, पीछा करने, घूर कर देखने को गैर जमानती अपराध घोषित किया गया है । मतलब ये की किसी भी महिला को बिना उसकी मर्जी के (घुरना या देखना या छूना या पकड़ना या छेड़ना या पीछा करना या दोस्ती का प्रस्ताव रखना या प्रेम करना या पीछा करना या शारीरिक संबंध बनाना) आदि । महिला से किसी भी प्रकार का अज्ञात संपर्क एक तरह से बलात्कार ही माना जाएगा। इस कानून के अनुसार अधिकतम सज़ा ज़िंदगी भर जैल या फांसी होगी और साथ ही जुर्माना भी होगा। महिला को पूरा अधिकार है की वो अपना मेडिकल न कराये नार्को न कराये और न पोलीग्राफ न कराये। कृपया इन धाराओ पर गौर करे: *IPC 326A, 326B, 354, 354A, 354B, 354C, 354D, 370, 375, 376, 376A, 376B, 376C, 376D, 376E, 377, IEA 114A, POCSO, SHWP . **पत्नी भी आईपीसी 498**A **ओआर घरेलू हिंसा कानून का दुरुपयोग करके पति पर बलात्कार और अप्रकार्तिक संभोग का केस लगा देती है ।

 

नए बलात्कार कानून का नुकसान:

महिला को सिर्फ कहना है कि किसी पुरुष ने उसका शारीरिक शोषण किया हैं चाहे झूठ हो या सच भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 114अ के अनुसार उसके बयानों को ही पर्याप्त साक्ष्य माना जायेगा और इसके अनुसार कोई भी पुरुष गिरफ्तार किया जा सकता है और उसको जेल हो सकती है। इसी वजह से आजकल बलात्कार केस मे हर तरह के पुरुष फँस रहे है जैसे जज या नेता या नौकरशाह या डॉक्टर या पुलिस या फिल्मी हस्तियाँ या मालिक या शिक्षक या विध्यार्थी या दोस्त या जानकार या अपने ही रिश्तेदार या पति या प्रेमी आदि। ध्यान देने योग्य बात ये है की महिला को पूरा अधिकार है की वो अपना मेडिकल न कराये नार्को न कराये और पोलीग्राफ न कराये। इस कानून का नुकसान महिला को भी होता है क्योंकि कोई भी पुरुष इस कानून के डर से किसी भी महिला से कोई भी संबंध या मदद या सहायता करने से पहले एक लाख बार सोचेगा । और न ही कोई पुरुष किसी भी महिला पर भरोसा करेगा । और इन सब की वजह से महिला अपनी आजादी अपना वजूद अपना सच आदि खत्म कर रही है ।

 

एक नज़र वैवाहिक बलात्कार पर भीः

भारत में विवाह एक संस्कार है न कि सेक्स करने का समझोता । वेसे भी वैवाहिक बलात्कार कानून मोजूद है डी वी एक्ट की धारा 3A में, IPC 498A और IPC 376A में। लेकिन कुछ नारीवादी इसको भी एक अलग कानून के रूप में लाना चाहती है । विवाह का मतलब है ज़िंदगी भर महिला और पुरुष के बीच में संभोग कानून और समाज के अनुसार सही है । विवाह सिर्फ महिला या पुरुष का नहीं होता है ये दो समाज दो परिवार का मिलन होता है । इसके अनुसार दो पक्ष के लोग जब राजी होते है तो विवाह होता है वो भी कानून के अनुसार । जिसमे महिला और पुरुष पक्ष के दोनों लोगो की रजामंदी होती है । लेकिन कुछ नारीवादी इस रिश्ते को तोडने पर लगी हुई है । इस बात का निर्धारण कौन और कैसे करेगा की एक साथ एक ही बिस्तर में सोने वाले पति-पत्नी के बीच सेक्स सहमती से हुआ है या असहमति से?

 


सत्तु जातव

9953935838
 

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