Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Dec, 2017 02:36 PM
बिहार में इन दिनों ठंड का कहर लोगों पर जमकर बरस रहा है। राज्य में ठंड बढ़ जाने से प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं। ठंड का सबसे अधिक प्रभाव गरीब तबके के लोगों पर पड़ रहा है। गुरुवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 22.8 डिग्री सेल्सियस और...
पटना: बिहार में इन दिनों ठंड का कहर लोगों पर जमकर बरस रहा है। राज्य में ठंड बढ़ जाने से प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं। ठंड का सबसे अधिक प्रभाव गरीब तबके के लोगों पर पड़ रहा है। गुरुवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 22.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 8.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कपकपाती ठंड और कोहरे ने आम जन जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कों पर परिचालन पर इसका बुरा असर पड़ा है।
राजधानी पटना सहित राज्य के तमाम जिले इसकी चपेट में है। आलम यह है कि दिन के ग्यारह बजे तक वाहनों को फॉग लाइट के सहारे धीरे-धीरे गुजरते देखा जा रहा है। प्रशासन द्वारा दावा किया गया था कि वह राजधानी के ककड़बाग, अनिसाबाद, फुलवारी, कुर्जी, आशियाना और बोरिंग रोड इलाकों में अलाव की व्यवस्था करेंगे लेकिन कहीं भी ऐसा कुछ देखने को नहीं मिल रहा है।
कोहरे के कहर में एनएचएआई की लापरवाही देखने को मिल रही है। सालों पहले सड़क के दोनो किनारों और बीच में दिए गए व्हाइट लाइनिंग जिससे कोहरे में ड्राइविंग आसान होती है वो पूरी तरह मिट चुका है जिससे दुर्घटना की आशंका कई गुना बढ़ गई है। इसके बावजूद एनएचएआई ने अब तक इसके लेकर कोई पहल नहीं की है। मौसम के इस कहर के कारण फूटपाथ पर अपनी रात गुजारने वाले रिक्शे और ठेले वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।