ग्राहक को गुमराह कर इंश्योरैंस पॉलिसियां खरीदने का मामला, ICICI बैंक के अधिकारियों पर मामला दर्ज

Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jan, 2018 09:51 AM

a case against icici bank officials

राजस्थान के स्पैशल ऑप्रेशन ग्रुप ने आई.सी.आई.सी.आई. प्रूडैंशियल लाइफ इंश्योरैंस और आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के कुछ कार्यकारी अधिकारियों पर ग्राहक के जाली दस्तावेज तैयार कर उन्हें इंश्योरैंस पॉलिसियां खरीदने के लिए मजबूर करने के खिलाफ मामला दर्ज किया है...

नई दिल्लीः राजस्थान के स्पैशल ऑप्रेशन ग्रुप ने आई.सी.आई.सी.आई. प्रूडैंशियल लाइफ इंश्योरैंस और आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के कुछ कार्यकारी अधिकारियों पर ग्राहक के जाली दस्तावेज तैयार कर उन्हें इंश्योरैंस पॉलिसियां खरीदने के लिए मजबूर करने के खिलाफ मामला दर्ज किया है जबकि आई.सी.आई.सी.आई. प्रूडैंशियल ने बताया कि मामला दर्ज करने से पहले ही शिकायतकत्र्ता के पैसे रिफंड कर दिए गए हैं।

एफ.आई.आर. मुताबिक शिकायतकत्र्ता में उदयपुर निवासी किसान भगवान लाल गाडकर ने बताया कि उसने किसान क्रैडिट कार्ड द्वारा आई.सी.आई.सी.आई. बैंक से कर्ज लिया था। कार्यकारी अधिकारियों ने सालाना प्रीमियम पर 50,000 रुपए की एक बीमा पॉलिसी पर दस्तखत करवा कर बताया कि यह वन टाइम प्रीमियम है। शिकायतकत्र्ता ने बताया कि वह तो सिर्फ पांचवीं पास है। अधिकारियों ने उनके झूठे दस्तावेज तैयार करवाए जिसमें उसे 12वीं पास दिखाया गया।

क्या हैं इरडा के नियम
इरडा के नियमों के अनुसार लाभ दिखाने वाले दस्तावेज पर ग्राहक के दस्तखत करवाना जरूरी होता है जो इस मामले में नहीं किया गया। योग्यता मानकों पर खरा उतरने के लिए आवेदकों की शैक्षणिक योग्यता को गलत तरीके से बढ़ाकर दिखाया गया। आवेदक का कहना है कि फार्म 61 पर उसके जाली दस्तखत किए गए। इसकी जरूरत 50,000 से ज्यादा के प्रीमियम पर पड़ती है। इस धोखाधड़ी को उजागर करने वाले पूर्व कर्मचारी बालचंदानी का कहना है कि ज्यादातर बीमा कंपनियां अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ऐसे ही हथकंडे अपनाती हैं।

क्या कहना है आई.सी.आई.सी.आई. का 
आई.सी.आई.सी.आई. प्रूडैंशियल के अधिकारियों ने ई-मेल पर पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया लेकिन आई.सी.आई.सी.आई. प्रूडैंशियल कार्पोरेट कम्युनिकेशन एंड इन्वैस्टर्स रिलेशंस के वाइस प्रैजीडैंट राजीव अधिकारी ने दावा किया कि कंपनी ने कुछ शिकायतकत्र्ताओं के पैसे वापस कर दिए हैं जिनके नाम स्पैशल ऑप्रेशन ग्रुप की प्राथमिक जांच में सामने आए थे लेकिन पुलिस ने इन दावों को खारिज कर दिया है। स्पैशल ऑप्रेशन ग्रुप के एडीशनल एस.पी. महावीर सिंह राणावत का कहना है कि आई.सी.आई.सी.आई. और प्रूडैंशियल अधिकारियों ने जांच में किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं दिया। कंपनी के पक्ष में जानने के लिए संपर्क  किया गया तो उन्होंने फिर इस बात की पुष्टि की। राणावत का कहना है कि उन्होंने 3 नहीं, 30 पीड़ितों को पैसे लौटाए हैं। 

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