Edited By ,Updated: 15 May, 2017 12:21 PM
पतंजलि प्रॉडक्ट्स की शानदार कामयाबी के बाद बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण एक अनूठा विचार लेकर आए हैं। ये बुल पॉवर यानी बैल की मदद से बिजली बनाने का प्रयोग कर रहे हैं।
नई दिल्लीः पतंजलि प्रॉडक्ट्स की शानदार कामयाबी के बाद बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण एक अनूठा विचार लेकर आए हैं। ये बुल पॉवर यानी बैल की मदद से बिजली बनाने का प्रयोग कर रहे हैं। यह विचार मूलरूप से बालकृष्ण का है, जिस पर करीब डेढ़ साल के काम चल रहा है और शुरूआती कामयाबी भी मिली है। मकसद यही है कि बैलों को बूचड़खाने भेजने के बजाए बिजली बनाने के काम में लिया जाए।
ये विदेशी कंपनियां कर रही मदद
यह प्रयोग पतंजलि के एमडी बालकृष्ण की पहल पर शुरू किया गया है। इस प्रयोग में देश की एक प्रमुख मल्टीनैशनल ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर और एक तुर्की की कंपनी भी शामिल है। इसे लेकर एक प्रोटोटाइप भी बनाया गया है। इस रिसर्च पर काम करने वालों के अनुसार अभी तक एक टर्बाइन वाले इस डिजाइन से लगभग 2.5 किलोवॉट बिजली मिल सकी है।
गरीबों के लिए मददगार होगा ये
बालकृष्ण के अनुसार 'बुल पावर' पर काम करने के पीछे उनका मकसद गरीबों की मदद करना है। जो गरीब इलैक्ट्रिसिटी पर खर्च नहीं कर पाते हैं, वह भी बिजली पैदा कर सकेंगे। बैल सुबह खेतों में और शाम को बिजली पैदा करने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुराने समय में बैल हथियार लाने ले जाने का काम करते थे। तकनीक की मदद से उनका आज के समय में अच्छा इस्तेमाल किया जा सकता है।
बैल से बनने वाली बिजली नहीं बेचेगी कंपनी
कंपनी के एक एग्जिक्युटिव ने बताया है कि पतंजलि इस तकनीक से पैदा होने वाली बिजली को बेचेगा नहीं, बल्कि उस तकनीक को पतंजलि बैल रखने वाले गरीब किसानों को दे देगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरीके से पैदा होने वाली इलैक्ट्रिसिटी को आसानी से स्टोर किया जा सकता है।