बिल्डरों ने खड़े किए हाथ, क्या करें खरीदार!

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jun, 2017 04:20 PM

builders stand hands  what do the buyer

नोएडा और ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के हजारों घर खरीदारों को समझ नहीं आ रहा कि वो खुश हों या निराश

नई दिल्लीः नोएडा और ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के हजारों घर खरीदारों को समझ नहीं आ रहा कि वो खुश हों या निराश। खबर ही ऐसी है। यहां कुल मिलाकर 57 प्रोजेक्ट्स के बिल्डरों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। इन्होंने अथॉरिटी को अर्जी दी है कि वो जमीन और प्रोजेक्ट सरेंडर करना चाहते हैं। कुछ बड़े बिल्डरों की अर्जी तो मंजूर भी हो गई है। एक दो नहीं एनसीआर में पूरे 57 बिल्डरों ने जमीन और प्रोजेक्ट सरेंडर करने की अर्जी दी है। सूत्रों के मुताबिक वेव इंफ्राटेक, यूनिटेक और लॉजिक्स की अर्जियां तो मंजूर भी हो गई हैं।

कुछ दिनों पहले ही नोएडा अथॉरिटी ने करीब 91 डिफॉल्टर्स के नामों की घोषणा की थी। जिसमें यूनिटेक, वेव ग्रुप और आम्रपाली जैसे नाम शामिल हैं। इनमें से कई बिल्डरों ने जमीन या अधूरे प्रोजेक्ट सरेंडर करने की अर्जी दी है। जानकारों के मुताबिक ये रेरा का डर है जिस वजह से अब बिल्डर्स सेटलमेंट की ओर बढ़ रहे हैं।नई सेटलमेंट पॉलिसी से अब ग्राहकों को क्या मिलेगा? इस पर नजर डालें तो अथॉरिटी अधूरा प्रोजेक्ट पूरा करेगी। सरेंडर किया गया प्रोजेक्ट दूसरे बिल्डर को भी दिया जा सकता है। अधूरे प्रोजेक्ट में बिना बिके मकान सरेंडर होंगे। अथॉरिटी के पास जमा पैसों में 15 फीसदी कटेगा। बचा हुआ पैसा बिल्डर को वापस किया जाएगा।

पूरे बिके प्रोजेक्ट के लिए एस्क्रो अकाउंट बनेगा और इस एस्क्रो अकाउंट से खरीदार को पैसे लौटाए जाएंगे। ये सही है कि यूपी सरकार की नई सेटलमेंट पॉलिसी से बुरी तरह फंस चुके बिल्डरों और घर खरीदारों को एक रास्ता मिला है। लेकिन सवाल ये है कि जिन बिल्डरों के पास प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए पैसा नहीं है वो घर खरीदारों को पैसा कैसे और कब चुकाएंगे? अगर ब्याज समेत खरीदार को रिफंड मिला भी तो क्या वो आज की कीमत पर नए प्रोजेक्ट में पैसा लगा पाएगा? इन सवालों पर अथॉरिटी चुप है।
 

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