पैट्रोलियम पदार्थों को GST के दायरे में लाने की मांग ने पकड़ा जोर

Edited By ,Updated: 22 May, 2017 03:18 PM

clamour grows to bring petroleum under gst  j k fires 1st salvo

अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नई व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) में अब जबकि 500 सेवाओं और 1,200 वस्तुओं के लिए दरें तय की जा चुकीं हैं

श्रीनगरः अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नई व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) में अब जबकि 500 सेवाओं और 1,200 वस्तुओं के लिए दरें तय की जा चुकीं हैं, पैट्रोलियम पदार्थों को इसके दायरे में लाने की मांग जोर पकडऩे लगी है। जम्मू और कश्मीर ने इस दिशा में पहला कदम उठाया है।  

केरोसिन, नाफ्था और एलपीजी जैसे उत्पाद तो जी.एस.टी. के दायरे में होंगे लेकिन 5 पैट्रोलियम पदार्थों कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, विमान ईंधन, डीजल और पैट्रोल को पहले साल के लिए जी.एस.टी. के दायरे से बाहर रखा गया है। जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने साक्षात्कार में कहा कि जिन 5 पैट्रोलियम पदार्थों को जी.एस.टी. से बाहर रखा गया है उन्हें भी इसके दायरे में लाया जाना चाहिए ‘‘अन्यथा देश की कर व्यवस्था में आजादी के बाद किए जाने वाले सबसे बड़े बदलाव की बात कहां रह जाएगी।’’  

उन्होंने कहा, ‘‘अब इसमें बदलाव क्यों, आप यदि इस दिशा में बढ़ रहे हैं और आपने कोई ढांचा तैयार किया है, तो अब इस तरह के काम कर (उत्पादों को बाहर रखकर) आपको इसे बिगाडऩा नहीं चाहिए।’’ जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री के ये विचार क्षेत्र के विशेषज्ञों के विचारों के ही अनुरूप है। अनेक विशेषज्ञों का मानना है कि पैट्रोलियम पदार्थों को भी शुरूआत से ही जी.एस.टी. के दायरे में रखा जाना चाहिए।  

द्राबू ने कहा कि जी.एस.टी. का कि क्रयान्वयन अब इसके अंतिम चरण में पहुच चुका है। पिछले सप्ताह द्राबू ने श्रीनगर में जी.एस.टी. परिषद की 14वीं बैठक की मेजबानी की थी। 2 दिन चली जी.एस.टी. परिषद की बैठक में ही विभिन्न वस्तुओं के लिए दरें तय की गईं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि एक जुलाई से जी.एस.टी. को लागू किया जा सकता है।’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी और करदाताओं के बीच जागरकता पर ध्यान दिया जाना चाहिए। 

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